गौरतलब है कि मेसर्स आनंदेश्वर एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कानपुर देहात के जिलाधिकारी ने डिमांड नोटिस और यमुना में खनन पट्टा रद करने संबंधी आदेश दिया था।
जिलाधिकारी ने जारी किया था पद्दा रद करने का आदेश
जिलाधिकारी ने 19 फरवरी 2024 को डिमांड नोटिस जारी करने के बाद 27 फरवरी 2024 को खनन पट्टा रद करने का आदेश दिया था। इस आदेश को विशेष सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म के समक्ष चुनौती दी गई थी। चुनौती संबंधी अर्जी 18 अप्रैल 2024 को खारिज कर दी गई।
याचिका में प्रतिवादियों को अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2023 तथा जनवरी और फरवरी, 2024 माह के लिए पट्टा विलेख में निर्दिष्ट किसी भी मासिक किस्त की मांग न करने संबंधी निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। याची के पक्ष में 12 मार्च 2021 को पांच वर्ष की अवधि के लिए लीज हुई। इसमें प्रति वर्ष 1,10,057 घन मीटर रेत/ मौरंग निकालने की अनुमति मिली।
पहले वर्ष की किस्त कुल 2,90,55,048 रुपये थी। शर्त थी कि प्रत्येक क्रमिक वर्ष के लिए देय रायल्टी पिछले वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक होगी। याची ने सुरक्षा राशि के रूप में 2,20,31,460 रुपये जमा कराए।
याची ने लीज-डीड के अनुसार 30 जून 2023 तक देय सभी किस्तों का भुगतान किया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कानपुर देहात ने दो जून 2023 को नोटिस जारी कर याची से कहा कि वह अपने खनन क्षेत्र का प्री और पोस्ट मानसून पूर्ति संबंधी अध्ययन करा ले।
याची ने मानसून बाद सर्वेक्षण और खनन को असंभव बताया। पांच सितंबर 2023 को जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर अनुरोध किया कि पुनः पूर्ति अध्ययन होने तक मानसून बाद लीज राशि जमा करने के लिए उसे बाध्य नहीं किया जाए। इसके बावजूद खान अधिकारी ने अक्टूबर और नवंबर 2023 की किस्त की मांग करते हुए 25 नवंबर 2023 को मांग पत्र जारी किया।
याची ने 28 नवंबर को सौंपे गए आवेदन में कहा कि पूरा पट्टा क्षेत्र जलमग्न है और सतह का बहुत छोटा टुकड़ा दिखाई देता है जो प्रतिबंधित क्षेत्र है। याची ने एक अक्टूबर 2023 से खनन कार्यों को वास्तविक रूप से प्रारंभ किए जाने तक की अवधि के लिए किस्त माफ करने का अनुरोध किया गया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार की तरफ से याची को नया पट्टा दिए जाने की जानकारी कोर्ट को दी गई है।