क्यों आधे घंटे तक नहीं आई चाय?
इस मामले को अंदरूनी राजनीति और जातिगत भेदभाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे अफसरशाही में तूफान आ सकता है। सरकारी कार्यक्रम में सदर विधायक का ब्लॉक में पहुंचना। कार्यक्रम के बाद बीडीओ का विधायक से चाय के लिए बार-बार आग्रह करना। आधे घंटे तक चाय का नहीं आना।
जान से मारने धमकी…
वहीं चाय में देरी होने के बारे में पूछने पर एडीओ द्वारा विधायक से अभद्रता करना। जान से मारने और भुगत लेने की धमकी देने के साथ ही असभ्य भाषा का प्रयोग करना अनायास ही नहीं हुआ। इस पूरे हंगामे के दौरान बीडीओ का तमाशबीन बने रहना और अभद्रता कर रहे अपने अधीनस्थ को नहीं रोकना, कई सवाल खड़े कर रहा है।
ब्लॉक में गढ़मुक्तेश्वर विधायक का था कार्यक्रम
ऐसे में बीडीओ श्रुति सिंह और एडीओ बिशन सक्सेना का विधायक हरेंद्र तेवतिया व ब्लॉक प्रमुख ममता तेवतिया से नियमित संपर्क रहता है। घटना के दिन 27 मार्च को भी सदर विधायक से ठीक पहले ब्लॉक में गढ़मुक्तेश्वर विधायक का कार्यक्रम था। उनको पूरा सम्मान दिया गया और प्रोटोकॉल के तहत नाश्ता कराया गया। उनके तत्काल बाद शहर विधायक विजयपाल आढ़ती पहुंचे और उनके साथ जबरदस्त अभद्रता की गई।
क्या अभी तूल पकड़ेगा मामला?
ऐसे में घटना के पीछे राजनीति की सुगबुगाहट हापुड़ से लेकर लखनऊ तक है। पार्टी के जिले में एकमात्र दलित विधायक का चाय पर यह अपमान बड़ा तूफान ला सकता है। इससे अफसरों के साथ ही भाजपा के जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों की जवाबदेही बढ़ जाती है।
जिस प्रकार की नाराजगी विधानसभा अध्यक्ष सतीश मोहाना से व्यक्त की है, उससे स्पष्ट होता है कि मामला अभी तूल पकड़ेगा। विधायक विजयपाल आढ़ती ने बताया कि वह जिलाधिकारी द्वारा दिए गए पांच दिन के समय का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद अपने पत्ते खोलेंगे। वह जल्द ही लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।