लोधा/अलीगढ़। गांव इब्राहिमपुर में मंगलवार देर शाम अचानक हालात बिगड़े तो ग्रामीण सहम गए। किसी को अंदाजा न था कि हालात इतने बेकाबू हो जाएंगे। 15 मिनट तक जमकर पथराव हुआ। पुलिसकर्मियों व उपद्रवियों में खींचतान तक हुई। एक ओर से पुलिस उपद्रवियों को रोकती तो वे दूसरी ओर से पथराव कर देते। 15 मिनट पर उपद्रव के बाद जब पुलिस फोर्स व अधिकारी पहुंचे तो आरोपित तितर-बितर हो गए। जो मिला, पुलिस उसे घसीटते हुए थाने ले गई। इसके बाद गांव में सन्नाटा पसर गया।

एसएसपी पुलिस फोर्स के साथ गांव में घूमे। पुलिस ने पूछताछ के उद्देश्य से कुछ मकानों के दरवाजे खटखटाए, मगर डर के चलते किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद अधिकारी लौट गए। पुलिस बल तैनात कर दिया गया। लेकिन, देररात कोई घर से बाहर निकलकर नहीं आया।

दो दिन की वार्ता के बाद नहीं निकला नतीजा

दो दिन की वार्ता के बाद जब कोई नतीजा नहीं निकला तो पुलिस को अंदाजा हो गया था कि प्रतिमा आसानी से नहीं हटेगी। तनाव को देखते हुए आठ थानों को फोर्स तैनात कर दिया गया। पुलिस ने ड्रोन कैमरों से निगरानी की तो आसपास की घरों की छतों पर पत्थर नजर आए। लेकिन, उन घरों में निर्माण चल रहा था तो पुलिस ने इसे नजरअंदाज किया। शाम सात बजे जब पुलिस ने जबरन प्रतिमा को हटाने का प्रयास किया तो लोगों से खींचतान हो गई। इसमें प्रतिमा जमीन पर गिर गई। इसे देखकर लोगों का गुस्सा भड़क गया। इसी बीच पीछे से कुछ लोगों ने वहां मौजूद ईंट-पत्थर उठाकर फेंकना शुरू कर दिया।

लोगों ने ताेड़ना शुरू कर दिए वाहन

पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते, इससे पहले ही जमकर पथराव होने लगा। गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू हो गई। इसके बाद लोगों ने राहगीरों ने गाड़ियां तोड़नी शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने गौंडा रोड पर वाहनों को रोक दिया। इसके बाद फायरिंग होने लगी। बाद में एसएसपी संजीव सुमन, एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक, एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट व अन्य अधिकारी पहुंचे। दंगा निरोधक दस्ता व अन्य टीमें पहुंचीं और लोगों को खदेड़कर हालात पर काबू पाया गया।

ये पुलिसकर्मी हुए घायल

पथराव में विवेक कुमार, जयदीप कुमार, नीतीश यादव, विकास मौर्य, भानूप्रताप, दीप कुमार साहू व रोहित तोमर घायल हो गए। इन्हें नादा चौराहा स्थित वृंदा अस्पताल में भर्ती कराया गया।

महापुरुषों ने दिया योगदान, उनके नाम पर बिगाड़ रहे कानून व्यवस्था

एसएसपी ने ये भी कहा कि सभी महापुरुषों ने देश के हित में योगदान दिया है। जो लोग कर रहे हैं, ये संविधान या देश के हित में बिल्कुल नहीं है। जो लोग महापुरुषों का नाम लेकर कानून के आड़े आते हैं, वो कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम करते हैं। ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

आरोपितों को चिह्नित कर रही पुलिस

घटना के पहले पुलिसकर्मियों के अलावा कई मीडियाकर्मी मौजूद थे। पथराव के बाद सभी अपनी जान बचाकर भागे। इसमें एक व्यक्ति स्वयं को मीडियाकर्मी बताया और कहा कि कि उसकी बाइक में भी आग लगाई गई। इसका वीडियो प्रसारित हो रहा है। इसमें वह कह रहे हैं कि बवाल करने वाले लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। घटना के कई वीडियो प्रसारित हो रहे हैं। इनमें पुलिस व लोगों में खींचतान होती दिख रही है। इनके आधार पर पुलिस आरोपितों को चिह्नित करने में जुटी थी।

छह दिन पहले शुरू हुआ था निर्माण

23 जनवरी को आंबेडकर प्रतिमा लगाने को लेकर बाउंड्री लगाई जा रही थी। उस समय पुलिस को जानकारी मिली तो निर्माण रोककर पिकेट तैनात कर दी गई। तीन दिन बाद पिकेट हटा दी गई। इसके बाद शनिवार को दूसरे पक्ष ने मंदिर बनाने के लिए बाउंड्री बनाना शुरू कर दिया। इसे भी पुलिस ने रुकवा दिया। रविवार को रातों-रात आंबेडकर प्रतिमा स्थापित कर दी गई। इसके बाद से ही लोगों को समझाने का प्रयास चल रहा था।

दाे मुकदमे हुए दर्ज, पहला प्रतिमा लगाने और दूसरा पथराव-तोड़फोड़ का

इस मामले में रोरावर थाने में दो मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं। पहला मुकदमा सोमवार की रात लेखपाल दीपिका वाष्र्णेय की ओर से पंजीकृत किया गया। इसमें कहा गया है कि यह जमीन गड्ढा नौइयत खाद के गड्ढा के रूप में दर्ज है। रात में ईंटों का चबूतरा बनाकर डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा रख दी गई। जानकारी मिलने पर लेखपाल गांव इब्राहिमपुर गईं। वहां प्रतिमा रखी ली। इस प्रकरण में वर्तमान प्रधान, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एवं पूर्व प्रधान की मिलीभगत है। प्रतिमा अनुमति लिए बगैर गलत तरीके से स्थापित की गई है।

शासन के हैं निर्देश

शासन के निर्देश हैं कि संत, महात्माओं, महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित किए जाने के संबंध में अनुमति लेना जरूरी है, लेकिन गांव इब्राहिमपुर में अनुमति नहीं ली गई। भूमि में प्रतिमा की स्थापना नियम विरुद्ध तरीके से कर ग्राम- इब्राहिमपुर में शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया गया है। वर्तमान ग्राम प्रधान आशा लोधी, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि निर्देश लोधी, पूर्व-प्रधान छत्रपाल सिंह द्वारा प्रतिमा स्थापना में सहयोग करने के लिए ग्रामीणों को भ्रमित कर भीड़ को इकट्ठा किया गया।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

गांव के कालीचरण, धर्मेद्र, सोनू, विमल सिंह, राजेश, टोनी, सनी, बंटी, गंगाराम, देवा, केशव समेत 150-200 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। दूसरा मुकदमा पथराव व सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान आदि के आरोप में पुलिस की ओर से निर्देश लोधी, छत्रपाल, राजू, धर्मेद्र, सोनू, मुन्नी देवी, पवन, देवा, बंटी पुत्र हरदयाल, बंटी पुत्र नेमसिंह, विमल, जीतू, रनवीर, रामप्रसाद, राजेश, केशव, कालीचरन, देवेंद्र, गंगाराम, सनी, टिंकू, मंते उर्फ रामप्रसाद के विरुद्ध पंजीकृत किया गया है।

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