साहिबाबाद। लिंक रोड थाना क्षेत्र के कौशांबी बस अड्डे में रोडवेज बस बैक करने के दौरान पिछले पहिये से कुचलकर युवक की मौत हो गई। युवक कान में ईयरफोन लगाए हुए था। बस का हार्न और शोर शराबा सुनाई नहीं दिया। चालक बिना परिचालक के बस बैक कर रहा था।
पुलिस ने मृतक के मामा की शिकायत पर बस नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कब्जे में ले ली है। फरार चालक की तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से संभल के कलीथा गांव का 22 वर्षीय अभिषेक कुमार नोएडा के एक इंस्टीट्यूट से बीटेक करने के बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा था।

टक्कर लगते ही गिर गया फिर पिछला पहिया ऊपर चढ़ा

अभिषेक का बृहस्पतिवार को कोई पार्सल कौशांबी पोस्ट आफिस में आया था। दिल्ली के मुखर्जी नगर से पार्सल लेने के लिए वह यहां आया था। बस अड्डे में गेट नंबर एक के पास कान में ईयरफोन लगाकार निकल रहा था। इसी दौरान बस अड्डे में लोनी डिपो की रोडवेज बस का चालक बस को बैक करने लगा।

बस के साथ परिचालक नहीं था। अभिषेक बस के पीछे था। टक्कर लगते ही वह गिर गया और पिछला पहिया ऊपर चढ़ने से कुचल गया। पुलिस जांच में सामने आया कि कान में ईयरफोन होने से लोगों की आवाज और बस का हार्न भी उसे सुनाई नहीं दिया। हादसे के बाद लोगों ने शोर मचाकर बस रुकवाई।
चालक मौके से भाग गया। लोगों ने घायल अभिषेक को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डाक्टर ने कुछ देर बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना मृतक के स्वजन को दी गई। सूचना पर पहुंचे बदायूं के रहने वाले मामा मधुकर सिंह ने रोडवेज बस नंबर के आधार पर लिंक रोड थाने में तहरीर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बस को कब्जे में ले लिया। शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया।

पिता की सड़क हादसे में हुई थी मौत इकलौता चिराग बुझा

मधुकर सिंह ने बताया कि अभिषेक के पिता दयाराम की मौत भी करीब 19 साल पहले सड़क हादसे में हुई थी। दयाराम सरकारी अस्पताल के टीबी रोग विभाग की लैब में संविदाकर्मी थे। तब से पूरा परिवार बिखर गया था। उनकी मौत के बाद से अभिषेक की सुमन मंजरी और छोटी बहन शिवांगी को साथ लेकर बदायूं आ गए थे।

अभिषेक का पूरा परिवार आर्थिक तंगी से भी जूझा था। रिश्तेदारों की मदद से अभिषेक और उसकी छोटी बहन शिवांगी की पढ़ाई-लिखाई कराई गई। हादसे में अभिषेक की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है। मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। घर का इकलौता चिराग बुझ गया।

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