देहरादून। प्रदेश में अब दूसरे राज्य से आने वाले निजी वाहनों पर भी ग्रीन सेस लगाने की तैयारी है। इसके तहत इन वाहनों से 20 से लेकर 80 रुपये तक का शुल्क वसूल किया जाएगा। दोपहिया, इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहन और एंबुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे वाहन इस दायरे से बाहर रखे जाएंगे। इस योजना को लागू करने के लिए परिवहन विभाग कार्य कर रहा है।

जनवरी से किया जा सकता है लागू

माना जा रहा है कि इस माह के आखिर अथवा अगले वर्ष जनवरी से इसे लागू किया जा सकता है। प्रदेश में अभी दूसरे राज्य से आने वाले व्यावसायिक वाहनों से ग्रीन सेस लिया जाता है। इस ग्रीन सेस का इस्तेमाल सड़क सुरक्षा के कार्यों के साथ ही प्रदूषण रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के लिए किया जाता है।
अब परिवहन विभाग निजी वाहनों से भी इसे लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रदेश की सीमाओं पर लगे आटोमेटेड नंबर प्लेट रिक्गनिशन कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इन कैमरों के जरिये दूसरे राज्य से आने वाले वाहनों के नंबरों के जरिये उनकी पहचान की जाएगी।

टोल टैक्‍स की तर्ज पर वसूला जाएगा ये टैक्‍स

टोल टैक्स की तर्ज पर ही ग्रीन सेस वसूला जाएगा। ये टैक्स प्रतिदिन के आधार पर लिया जाएगा। नियमित आने जाने वालों के लिए पास की व्यवस्था भी किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए परिवहन विभाग निजी कंपनियों का सहयोग लेगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

प्रस्तावित दरों के अनुसार तिपहिया वाहनों पर 20 रुपये, चौपहिया वाहनों पर 40 रुपये, और मध्यम और भारी वाहनों पर क्रमश: 60 रुपये और 80 रुपये का शुल्क होगा। संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।

राज्य की अर्थिकी के लिए मील का पत्थर साबित होगी शीतकालीन यात्रा

देहरादून: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के धामी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह यात्रा राज्य की आर्थिकी के लिए शुभ और मील का पत्थर साबित होगी।भट्ट ने कहा कि लंबे समय से चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों की यात्रा को लेकर प्रयास चल रहे हैं, लेकिन अब सही मायने में भाजपा की प्रदेश सरकार उन तमाम जरूरी मानकों को पूरा करने में सफल हुई है, जिससे श्रद्धालुओं का सालभर यहां आना संभव हो पाया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में आल वेदर रोड समेत तमाम जरूरी व्यवस्थाओं ने युगांतरकारी परिवर्तन किए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि यात्रा का सालभर जारी रहना, न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा उपहार है, बल्कि प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी यह बेहद लाभकारी साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि आज पर्यटन को लेकर नजरिया बदल रहा है।

अब सर्दियों में भी बड़ी संख्या में लोग पहाड़ों और ठंडे स्थानों का रुख करते हैं। ऐसे में चारधाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भगवान के दर्शन करने के साथ ही उन्हें स्वच्छ आबोहवा व सर्दियों की धूप और शांति मिलेगी, तो उनकी संख्या का कई गुना बढऩा निश्चित है। इससे यहां के पर्यटन व्यवसाय का नई ऊंचाइयों पर पहुंचना और स्थानीय कारोबारियों की आर्थिकी मजबूत होना तय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *