जल संरक्षण का काम धरातल पर उतारने के मिले आदेश
साथ ही स्पष्ट कहा कि एक महीने में इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाए कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। क्या-क्या योजनाएं बन गई हैं और वह किस स्तर पर हैं। हर हाल में जल संरक्षण का काम धरातल पर उतारा जाए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए श्रीनिवास ने आश्वस्त किया कि कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है।
इसलिए यहां से पानी बहकर आगे निकल जाता है। फिर बाकी सालभर यमुना नदी में बहुत कम पानी बहता है। इसलिए यमुना नदी के बढ़े हुए जलस्तर के संरक्षण की योजना है।
गंदे पानी का होगा सदुपयोग
एफएमडीए के मुख्य अभियंता विशाल बंसल ने बैठक में बताया कि प्रतापगढ़ में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ हुए 100 एमएलडी के पानी के सदुपयोग को लेकर एफएमडीए और माइक्रो इरीगेशन एवं कमांड एरिया डेवलपमेंट अथारिटी संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
इस पानी को अरावली की तलहटी तक ले जाकर बड़े जलाशय में संरक्षित किया जाएगा। रजवाहों के माध्यम से इस पानी से 26 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई की भी तैयारी है। योजना पर करीब 100 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
यहां बनेंगे तालाब फरीदाबाद में पूरा शहर पेयजल यमुना नदी किनारे 22 रेनीवेल और 1500 ट्यूबवेलों से मिलता है। रेनीवेल का भूजल स्तर गिरता जा रहा है। तालाब बनाने के लिए अल्लीपुर तिलोरी और कांवरा गांव की 50 एकड़ पंचायती जमीन का चयन किया गया है।
इससे पहले एफएमडीए चांदपुर व इमामुद्दीनपुर की 40 एकड़ जमीन पर तालाब बनाने की योजना बना चुका है। रक्षा मंत्रालय से तिलपत शूटिंग रेंज में 250 एकड़ जमीन मिली है। इस पर जलाशय बनाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।