गर्म कपड़े वितरण के लिए फलाह-ए-इंसानियत सोसाइटी द्वारा एक सादा कार्यक्रम आयोजित किया गया
मुज़फ्फरनगर जनपद के किदवई नगर स्थित मदरसा दारुलबनात अस-सालिहात में सर्दी के मौसम के मद्देनज़र ग़रीब छात्रों को गर्म कपड़े वितरित किए गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में इलाक़े की मुस्लिम महिलाओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के पहले सत्र को प्रसिद्ध शिक्षिका शाहिदा बाजी, संस्था की नाज़िमा आलिमा ज़ैनब ख़दीजी और अंग्रेज़ी शिक्षिका ज़ीनत परवीन ने संबोधित किया। उन्होंने शिक्षा के महत्व और ज़रूरत को उजागर करते हुए कहा कि समाज में तरक्की और बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा सबसे अहम है।
दूसरे सत्र में सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र की हस्तियों जैसे हाजी सरफ़राज़ अहमद ख़ान (चेयरमैन आरके ट्रस्ट), महबूब आलम अंसारी एडवोकेट, कारी शोएब अली कासमी और सुहैल अहमद ख़ान (चीफ़ एडिटर, विवेक विचार) ने समाज सुधार, शिक्षा और प्रशिक्षण के तौर-तरीकों पर अपने विचार रखे।
शाह इस्लामिक अकादमी के संस्थापक और संस्था के संरक्षक कारी मोहम्मद ख़ालिद बशीर कासमी ने बताया कि उनकी संस्था और उससे जुड़ी अन्य इकाइयाँ पिछले 25 वर्षों से शैक्षिक और सामाजिक कार्यों में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में ग़रीब छात्रों को गर्म कपड़े उपलब्ध कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन हर साल इस कार्य को समाज के भले लोगों के सहयोग से अंजाम दिया जाता है। इस बार भी सैकड़ों ग़रीब छात्रों को उम्दा क्वालिटी के गर्म कपड़े, जर्सी, टोपी और मोज़े वितरित किए गए।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि छात्रों की मदद करना न केवल सेवा का कार्य है बल्कि यह उनकी शैक्षिक यात्रा को सुगम बनाने का माध्यम भी है। उन्होंने समाज के संपन्न लोगों से अपील की कि वे अपनी दौलत का इस्तेमाल शिक्षा को बढ़ावा देने और ग़रीबों की मदद करने में करें, क्योंकि यह समय और समाज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
कार्यक्रम के अंत में देश में अमन और शांति के लिए विशेष दुआ की गई।
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