नैनीताल। हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के भटवाड़ी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई। मामले की सुनवाई करते हुए उत्तरकाशी के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ कोर्ट को भी अवगत कराने को कहा है।
इस दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि पहली दिसंबर को मस्जिद के विरुद्ध महापंचायत होने जा रही है, इसपर भी रोक लगाई जाय। इस पर राज्य सरकार की ओर से बताया से गया कि पहली दिसंबर को होने वाली महापंचायत के लिए प्रशासन ने कोई अनुमति नहीं दी है । कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस दिनरात गश्त कर रही है, अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य है।
बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में उत्तरकाशी अल्पसंख्यक सेवा समिति की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि बीते 24 सितंबर से कुछ संगठनों की ओर से भटवाड़ी रोड उत्तरकाशी स्थित सुन्नी सुमदाय की मस्जिद को अवैध बताकर उसे ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है। जिसकी वजह से वहां दोनों समुदाय में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है, इसलिए मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार की दिए जाएं।
बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में उत्तरकाशी अल्पसंख्यक सेवा समिति की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि बीते 24 सितंबर से कुछ संगठनों की ओर से भटवाड़ी रोड उत्तरकाशी स्थित सुन्नी सुमदाय की मस्जिद को अवैध बताकर उसे ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है। जिसकी वजह से वहां दोनों समुदाय में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी है, इसलिए मस्जिद की सुरक्षा करने के आदेश राज्य सरकार की दिए जाएं।
याचिका में यह भी कहा गया मस्जिद वैध है। 1969 में जमीन खरीद कर बनाई गई। 1986 में वक्फ कमिश्नर ने इसका निरीक्षण किया और मस्जिद वैध पाई गई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को यह भी बताया मस्जिद के मामले पर भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश देकर कहा कि अगर किसी जाति धर्म या समुदाय के लिए भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करें। नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को यह भी बताया मस्जिद के मामले पर भड़काऊ बयान देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश देकर कहा कि अगर किसी जाति धर्म या समुदाय के लिए भड़काऊ बयान का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करें। नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा।
इस मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है, जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में कार्रवाई की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई पांच दिसंबर नियत की है।