प्रयागराज। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के लिए राजी होने और आरओ-एआरओ की परीक्षा में समिति का पेच फंसाने पर आयोग प्रतियोगी छात्रों के निशाने पर रहा। बोले-क्या सोचा था बटेंगे, नहीं अब यहीं डटेंगे।
आयोग के इस निर्णय के बाद प्रतियोगी छात्रों ने “याचना नहीं अब रण होगा, युद्ध और भीषण होगा।” जैसे पोस्टर लहराते हुए आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया।
प्रतियोगी छात्र फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि जो छात्र आरओ-एआरओ की परीक्षा देता है वह पीसीएस भी देता है। ऐसे में यदि एक परीक्षा को एक दिवसीय किया गया तो दूसरी परीक्षा दो दिवसीय होने से उनको नार्मलाइजेशन के कारण असमान मूल्यांकन झेलना होगा।
ऐसे में दोनों परीक्षाओं में वन डे-वन शिफ्ट लागू होना चाहिए। प्रतियोगी सुमित वर्मा ने कहा कि आयोग ने छात्रों को बांटने के लिए दोहरा निर्णय लिया, पर वह बंटने नहीं डटने आए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि आयोग का यह निर्णय उनकी समझ से परे है। वह प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन को कम आंक रहे हैं।
सुबह चंद छात्रों को देख हटाने की कोशिश की। अभय सिंह ने कहा कि वह पीसीएस और आरओ-एआरओ दोनों की तैयारी करते हैं। जब सभी ने आंदोलन मिलकर शुरू किया तो खत्म भी मिलकर करेंगे। प्रतियोगी छात्र पिंटू यादव ने कहा कि आरओ-एआरओ की परीक्षा एक दिवस में कराने की मांग को लेकर आंदोलन निर्णय होने तक जारी रहेगा।
छात्र हितों में लिया बड़ा फ़ैसला
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डा. ऋचा सिंह ने कहा कि वन डे-वन शिफ्ट की छात्रों की बड़ी मांग को मानते हुए महत्वपूर्ण फैसला आयोग ने लिया है।
आयोग का निर्णय स्वागत योग्य
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मीडिया संयोजक अभिनव मिश्र ने कहा कि पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा को पूर्व की भांति एक दिन में कराए जाने के निर्णय का स्वागत करती है।
छात्र शक्ति की हुई है जीत
कांग्रेस नेता व राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता प्रमोद तिवारी ने यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन कराए जाने के निर्णय को छात्र शक्ति की जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि पहले उप्र लोक सेवा आयोग कल तक यही रट लगा रहा था कि यह फैसला नहीं बदलेगा।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि उप्र में होने वाले विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव के दबाव में सरकार को छात्रों की जायज मांगों को स्वीकार करना पड़ गया। कहा कि छात्रों ने सत्य के लिए संघर्ष किया। छात्रों के आंदोलन की आंच महाराष्ट्र के साथ देश भर में पहुंच गई।
जज्बे ने दिलाया न्याय प्रयागराज
महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमन ने कहा कि सरकार के तानाशाही रवैए से ईमानदारी पूर्वक लड़ने के जज्बे ने प्रतियोगी छात्रों को न्याय दिलाया। कहा कि एक दिन पहले ही सांसद उज्ज्वल रमण सिंह, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष मिश्र के नेतृत्व में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा गया था। मांग की गई थी कि प्रतियोगी परीक्षाओं से नार्मलाइजेशन को समाप्त कर पुरानी पद्धति के अधार पर ही परीक्षा कराई जाए।
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