देहरादून। आधी रात, शहर की सबसे प्रमुख सड़क, पुलिस के पांच चेकिंग बैरियर और बेलगाम गति से दौड़ती रही ‘मौत’ बनी इनोवा कार। मसूरी रोड स्थित जाखन से टोयोटा कंपनी की नई इनोवा जेडएक्स हाइब्रिड कार में लांग-ड्राइव पर निकले सात दोस्तों को क्या पता था कि चंद मिनट बाद 10 किमी दूर मौत उनका इंतजार कर रही।
बिना नंबर प्लेट की कार पुलिस की लापरवाही के कारण चेकिंग बैरियर को तो धोखा देकर गुजर गई, लेकिन अनहोनी को धोखा नहीं दे पाई। इस दुर्घटना में सवाल यूं तो कई उठ रहे हैं, जिनका जवाब पुलिस-प्रशासन, परिवहन विभाग या अभिभावकों के पास भी नहीं है, मगर सबसे बड़ा सवालिया निशान पुलिस की रात्रि चेकिंग-व्यवस्था पर अवश्य लग गया है।

छह युवाओं की चली गई जान

छह युवाओं की जान लील लेने वाली कार जब सोमवार देर रात करीब एक बजे जाखन से निकली तो विपरीत दिशा में नीचे यानी शहर की तरफ आई। बेलगाम गति पकड़ चुकी कार को पैसेफिक माल के एक कर्मचारी ने देखा तो पुलिस को सूचित भी किया, लेकिन पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई।

फिर यह कार पुलिस की ओर से लगाई गई कैनाल रोड, दिलाराम बाजार व घंटाघर की बैरिकिडंग तक करीब छह किमी बिना रोक-टोक के पहुंच गई, जबकि कार पर नंबर-प्लेट भी नहीं लगी हुई थी।
घंटाघर से यह कार चकराता रोड पर किशननगर चौक बैरिकेडिंग पार करती हुई तीन किमी दूर बल्लूपुर चौक बैरिकेडिंग तक जा पहुंची, लेकिन यहां भी कार को नहीं रोका गया। फिर कार गढ़ीकैंट की ओर मुड़ी और करीब 800 मीटर दूर जाकर दुर्घटना का शिकार हो गई। पुलिस व परिवहन विभाग शहर में रात्रि चेकिंग के लाख दावे करते हैं, लेकिन इस दुर्घटना ने दोनों की चेकिंग व्यवस्था की पोल खोल दी है।
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