प्रशान्त कुमार मिश्रा/कौशाम्बी 

दारानगर की रामलीला में धनुष यज्ञ के साथ परशुराम संवाद का हुआ मंचन

कौशाम्बी। दारानगर की ऐतिहासिक रामलीला में धनुष यज्ञ का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों ने रामायण की कथा को जीवंत किया। लीला का मंचन श्री रामलीला कमेटी के तत्वाधान में नगर पंचायत दारानगर के तिलक नगर मोहल्ले से संपन्न हुई।

जिसमें महाराज जनक के द्वारा रचित सीता स्वयंवर में अनेकों देश के राजा राजकुमार,बाणासुर लंका का राजा रावण सहित हजारों राजा ने भाग लिया।जहां रावण बाणासुर ने आपस में संवाद किया। लेकिन भगवान शिव के पिनाक धनुष को कोई उठा नहीं पाया।

तब राजा जनक ने निराश होकर अपने दुख को व्यक्त किया तो उसे सभा में उपस्थित लक्ष्मण को यह बात अपमानजनक लगी तभी जनक के कहे शब्दों पर उनको याद दिलाया कि जिस सभा में रघुवंश का एक भी राजा, राजकुमार मौजूद हो वहां इस प्रकार की बात करना शोभा नहीं देता।लक्ष्मण के क्रोध को भगवान राम ने शांत कराया उन्हें अपने पास बैठाया ।तत्पश्चात अपने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर भगवान राम ने धनुष को तोड़ दिया।

वही सीता के साथ स्वयंवर हुआ।उधर धनुष को टूटते ही परशुराम जो कि महेंद्र पर्वत पर तपस्या कर रहे थे उन्हें आभास हो जाता है और महाराज जनक की सभा में आ जाते हैं। जहां भगवान शंकर के टूटे हुए धनुष को देखकर अत्यंत क्रोधित होकर lराजा जनक से पूछते हैं कि मेरे आराध्य भगवान शंकर का धनुष किसने तोड़ा राजा जनक परशुराम को शांत रहने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस सभा में उपस्थित विश्वामित्र से भी परशुराम पूछते हैं फिर सुंदर वार्तालाप परशुराम ,लक्ष्मण एवम राम के बीच संवाद हुआ।अंत में परशुराम जी को ज्ञात हो जाता है की धनुष को तोड़ने वाला और कोई नहीं बल्कि स्वयं त्रिलोकी नाथ भगवान विष्णु के अवतार श्री राम हैं।वही क्षमा मांगकर वापस चले जाते हैं।इस प्रकार से सीता स्वयंवर की लीला संपन्न होती है।

धनुष यज्ञ कार्यक्रम में आद्या प्रसाद पांडेय,जय मणि तिवारीअध्यक्ष,संरक्षक मूल प्रकाश त्रिपाठी,अतुल पाठक,शशि कांत पांडेय,शशि कमल मिश्र,प्रशांत त्रिपाठी,मनीष पाठक,शिवम मिश्र,राम आसरे दिवाकर,पंकज केसरवानी,लक्ष्मी कांत त्रिपाठी सहित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।जिन्होंने रामलीला के सजीव दृश्य को देखकर आनंद लिया।राम लीला कमेटी के महामंत्री योगेंद्र मिश्र ने इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। कल की लीला के विषय में पंडित दीनानाथ अवस्थी ने बताया कि कल भगवान के वनवास प्रस्थान की लीला फरीदगंज में संपन्न होगी।जिसमें पूरी रात लोग भगवान का पूजन करेंगे।

 

रिपोर्टर – प्रशान्त कुमार मिश्रा 

कौशाम्बी 

9450391390

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *