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उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून में कथित तौर पर ‘हेट स्पीच’ देने के लिए गाजियाबाद जिले के डासना स्थित शिव शक्ति धाम के यति रामस्वरूपानंद गिरि पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
उत्तराखंड पुलिस ने कड़ा ऐक्शन लेते हुए इस हफ्ते की शुरुआत में देहरादून में कथित तौर पर ‘हेट स्पीच’ देने के लिए उत्तर प्रदेश के एक संत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गाजियाबाद जिले के डासना स्थित शिव शक्ति धाम के यति रामस्वरूपानंद गिरि पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे कथित तौर पर भाषण अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने वाला भाषण दे रहे थे।
वायरल वीडियो में उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हिंदुओं को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों से महिलाओं और बच्चों की रक्षा के लिए हथियार रखने चाहिए। देहरादून में पुलिस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने वायरल वीडियो का स्वतः संज्ञान लिया और गिरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है।
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने कहा, ‘हमारी सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ने पाया कि भाषण में इस्तेमाल किए गए शब्द (विशेष) जाति/धर्म के खिलाफ थे और नफरत फैलाने वाले भाषण की श्रेणी में आते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, पुलिस को जब भी नफरत फैलाने वाले भाषण के बारे में पता चलता है, तो वह तुरंत एफआईआर दर्ज करती है। इसलिए जांच के बाद सब-इंस्पेक्टर देवेंद्र गुप्ता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है।’
शिकायत के अनुसार, मंगलवार को देहरादून के प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरी ने कथित नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था। उन्होंने घोषणा की कि विश्व धर्म संसद, जिसमें कई संत हिस्सा लेने वाले हैं, इस साल 14 दिसंबर से 21 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वे संसद के दौरान उत्तराखंड को ‘इस्लाम-मुक्त’ बनाने पर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में बहुत अधिक बच्चे पैदा कर रहा है और हिंदू ‘नपुंसक’ हो गए हैं।
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