कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है

सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल देर से ही सही, लेकिन बुलडोज़र चलाने की घटिया प्रथा के ख़िलाफ़ तीखी टिप्पणी की है – इसका स्वागत होना चाहिए. सही कहा कोर्ट ने आरोपी की सज़ा निर्दोष परिवारों को नहीं मिलनी चाहिए

HLRN का अनुमान है कि स्थानीय, राज्य और केंद्र सरकार ने 2022 और 2023 में 1.53 लाख घरों को बुलज़ोडर से ढहा दिया. जिसके चलते गाँव, देहात और शहर में क़रीब 7.38 लाख लोग बेघर हो गए

आख़िर किसी आरोपी की घर या दुकान या होटल अचानक अवैध कैसे हो जाता है, एक ही दिन में अवैध निर्माण ढहाये जाने की सारी प्रक्रियाएँ भी कैसे पूरी कर ली जाती हैं?

सच यह है कि अधिकांश जगह बुलडोज़र निरंकुश सरकारें नफ़रत की आँधी को हवा देने के लिए चला रही हैं, एक वर्ग विशेष ख़ासकर मुसलमानों के घरों पर चलाए जा रहे हैं

असल में बुलडोज़र बर्बरता का प्रतीक है, क़ानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाता है और कोर्ट कचहरियों पर एक करारा तमाचा है

बुलडोज़र चलाने जैसी ग़ैर क़ानूनी हरकतें अपराधी करते हैं, चुने हुए मुख्यमंत्री नहीं

बुलडोज़र वाले बाबा और उनकी इस बर्बरता की नक़ल करते BJP की बाक़ी कठपुतलियों, प्रशासन कीजिए पाप नहीं, क्योंकि घर हिंदू का हो या मुसलमान का – बनवाने में एक उम्र लग जाती है

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