बसपा के बाद अब सहारनपुर में भाजपा को बड़ा झटका देगा सपा कांग्रेस गठबंधन
दो पूर्व विधायक, जिला पंचायत सदस्य और कई ग्राम प्रधान समेत कई भाजपा नेता सपा हाई कमान के संपर्क में
भाजपा के कई बड़े नेता सपा हाई कमान के संपर्क में
पंचायत चुनाव से पहले ही भाजपा के कई दिग्गज नेता हो सकते हैं कांग्रेस सपा गठबंधन में शामिल
सहारनपुर
उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2026 में आयोजित पंचायत चुनाव से पहले ही सहारनपुर समेत पश्चिमी यूपी में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों का मानना है कि भाजपा के कई दिग्गज नेता इन दोनों सपा कांग्रेस गठबंधन के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। सहारनपुर में तो वह सीधे अब कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के यहां हाजिरी भी लगा रहे हैं। सूत्रों के माने तो इनमें दो पूर्व विधायक, जिला पंचायतसदस्य, कई ग्राम प्रधान शामिल है। सूत्र बताते हैं कि एक पूर्व विधायक की तो लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात तक भी हो चुकी है। लेकिन हाल फिलहाल में सपा कांग्रेस गठबंधन अभी उक्त नेताओं की जॉइनिंग करने में समझदारी नहीं समझ रहा है। पंचायत चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उक्त नेताओं के लिए सपा और कांग्रेस के दरवाजे खुल सकते हैं। इनमें ज्यादातर वही नेता है जो 2017 से 2024 के बीच प्रदेश में भाजपा की बदलती हवा को देखकर पार्टी में शामिल हुए थे, और विधायक और मंत्रियों के नजदीकी भी रहे, इतना ही नहीं कुछ पार्टी के पुराने कार्यकर्ता भी इस कतार में शामिल है। जिनमें पूर्व में भाजपा के कई पदों पर रहे नेता भी हैं और संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ता भी शामिल है।
सूत्रों की माने तो कुछ नेता जहां पंचायत चुनाव में जिला पंचायत का चुनाव लड़ना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के पाले में जाकर उन्हें मुस्लिम वोट रिजर्व में मिल रहा है। उसके साथी वह अपनी जाति का भी वोट पंचायत चुनाव अपने पालने में लाने का सपना संजोए बैठे हैं। सूत्रों का तो दावा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजा आने के बाद कुछ भाजपा नेता बरसाती मेंढक की तरह आने वाले समय को भांप गए हैं, और चोरी छुपे या रात के अंधेरे में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और सपा के नेताओं के घरों पर दस्तक दे रहे हैं। गौरतलाब हो कि उत्तर प्रदेश में अब लोकसभा चुनाव के बाद 2026 में पंचायत चुनाव और 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद सहारनपुर से लेकर उत्तर प्रदेश तक जिस प्रकार भाजपा में बगावती तेवर देखने को मिल रहे हैं यह अपने आप में पार्टी हाई कमान के लिए एक बड़ी चिंता है। इतना ही नहीं सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक इस समय भाजपा अंदरूनी कलह से गुजर रही है।
भाजपा में बढ़ती गुटबाजी हाई कमान के लिए चिंता बनी
भाजपा में बढ़ती है गुटबाजी कांग्रेस और सपा गठबंधन के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है, तो भाजपा के लिए घाटे का सौदा। लोकसभा चुनाव में जिन स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी हारे हैं वहां पर खुलेआम संबंधित विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भाजपा सांसद प्रत्याशियों के समर्थक और कार्यकर्ता किलाबंदी करने में जुट गए हैं। इतना ही नहीं बढ़ती गुटबाजी को पार्टी हाई कमान अपने में अब तक नाकाम साबित रहा है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी की अंदरूनी कलह से खुद को अलग कर सरकार के काम पर ध्यान दे रहे हैं। शासन और संगठन में अगर गुटबाजी नहीं रुकी तो आने वाला समय भाजपा के लिए ठीक नहीं है।
*सपा कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़ने की जुगत में लगे भाजपाई*
सूत्रों का दावा है कि 2026 में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव होंगे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुछ बीजेपी से जुडे बड़े नेता अब पार्टी की हवा देखकर सपा कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़ने की जुगत में लगे हुए हैं। देखना है पार्टी की बढ़ती गुट बाजी पर संगठन और सरकार कंट्रोल कर पाती है या 2026 और 2027 के होने वाले चुनाव से पहले ही भाजपा बिखराव की ओर जाएगी यह बड़ा प्रश्न बना हुआ है?
मंत्री और विधायक अपने ही कार्यकर्ताओं से लड़ रहे हैं शीत युद्ध
उत्तर प्रदेश भाजपा में जहां एक और लोकसभा चुनाव के बडा बिखराव नजर आ रहा है। तो वहीं भाजपा के कुछ विधायक और मंत्री तो ऐसे हैं जो विगत साढ़े सात वर्ष के कार्यकाल में पार्टी के कार्यकर्ताओं से शीत युद्ध की तरह लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका ज्यादा ध्यान विपक्षी नेताओं की ओर कम अपने पार्टी कार्यकर्ता और पार्टी के अंदरबैठे अपने विरोधियों की गतिविधियों पर ज्यादा रहता है। जिसके परिणाम स्वरुप वह अपने लिए तो खाई खोदी रहे हैं, लेकिन पार्टी को भी बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं।
रिपोर्ट प्रशांत त्यागी
" "" "" "" "" "