पीजेंट वेलफ़ेयर एसो. के चेयरमैन अशोक बालियान ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री श्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखते हुये कहा है कि उत्तरप्रदेश शासन ने निर्माणाधीन चरथावल मुख्य मार्ग की चौड़ाई सात मीटर के स्थान पर 10 मीटर स्वीकृत की थी। लोक निर्माण विभाग मुज़फ्फरनगर के अनुसार इस मार्ग पर पड़ने वाले दधेडू कला, दधेडू खुर्द, चरथावल, नंगला राई, बिरालसी और ज्ञानामाजरा में राजस्व विभाग की टीम ने सड़क के मध्य से दोनों तरफ 40-40 फीट छोड़कर नाला निर्माण कराया जाएगा।
दधेडू गांवों में अधिकांश लोगों ने सरकारी जमीन की जद में आने वाले मकान के हिस्सों को खुद ध्वस्त कर दिया है। शनिवार को पैमाइश में चरथावल कस्बे में सड़क पर सरकारी जमीन पर लोगों के अवैध निर्माण की बात सामने आई थी। राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुज़फ्फरनगर की टीम की मौजूदगी में चरथावल में कमला फार्म हाउस से नहर तक पैमाइश के बाद निशानदेही कर दी गयी थी। और चार दिन में अवैध कब्जा हटाने के लिए मुनादी करा दी गई थी,ताकि निर्माण में तेजी आ सके। इस घोषणा के बाद काफी लोगों ने अपने मकान व् दुकान आदि तोड़कर अतिक्रमण हटा लिया था।
एसडीएम सदर निकिता शर्मा ने बताया कि चरथावल में चौड़ीकरण के लिए लोनिवि के पास सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 40 फिट भूमि का कोई कागजात नहीं है। उन्हें सड़क बनाने के किसी निर्माण को तोड़ने की जरूरत नहीं है। इसीलिए पुराने नाले के अनुरूप सड़क निर्माण किए जाने पर सहमति बनी है। कोई निर्माण कस्बे से नहीं हटेगा।
एसडीएम सदर निकिता शर्मा की इस घोषणा के बाद यह सवाल भी उठेगा कि जिन लोगों ने अपने मकान व् दुकान आदि तोड़कर अतिक्रमण हटा लिया था, उनके नुकसान की भरपाई कौन देगा। और यह सवाल भी उठेगा कि राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुज़फ्फरनगर की टीम ने पहले किस आधार पर सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 40 फिट भूमि को सडक की सरकारी भूमि बताया था और अब एसडीएम सदर ने सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 30 फिट भूमि को सडक की सरकारी भूमि बताया है।
इस प्रकरण में राजस्व विभाग एवं लोनिवि मुज़फ्फरनगर के साथ ही जिला प्रशासन की छवि खराब हुई है तथा जनता को अनावश्यक परेशान किया गया है तथा कुछ संगठनों को आन्दोलन करने का अवसर प्रदान किया गया है।
अत: आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त गम्भीर प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारीयों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने व् यदि सड़क बनाने के लिए मध्य से दोनों तरफ 30 फिट भूमि ही सडक की सरकारी भूमि है,तो जिन लोगों का 40 फिट तक मकान व् दुकान आदि तुडवाया है,उन्हें मुआवजा देने की कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करे। आभारी होंगे।
अशोक बालियान
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