फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का मामला….

16 फरवरी को हुई मौत, तो 20 फरवरी को रजिस्ट्री कार्यालय में वसीयत करने पहुंच गया मुर्दा

रजिस्ट्री कार्यालय में कराई गई थी मृतक के नाम से फर्जी वसीयत

रजिस्ट्री विभाग ने एसडीएम को भेजो अपना जवाब

सहारनपुर, देवबंद / प्रशांत त्यागी

देवबंद में भू माफियाओं का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में रोजाना एक के बाद एक बड़ा खुलासा हो रहा है। शोएब की मौत के चार दिन बाद फर्जी व्यक्ति दिखाकर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी वसीयत बनाई गई । जिसके चलते पूरे मामले में कहीं बड़ी मछलियां फंस सकती हैं। शासन द्वारा पूरे मामले में एसआईटी जांच की तैयारी शुरू कर दी है।

नगर निवासी शोएब की बीती 16 फरवरी को बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मृतक शोएब अपने पीछे करोड़ों रुपए की संपत्ति छोड़कर गया था। शोएब की संपत्ति पर देवबंद के बड़े माफियाओं की पहले से ही नजर थी। संपत्ति को कब्जाने की नीयत से भू माफियाओं द्वारा 20 फरवरी को दो गांव के माध्यम से सब रजिस्टार कार्यालय में शोएब के नाम से अपने नाम वसीयत कर ली। इतना ही नहीं पूरे मामले में 23 फरवरी को शोएब की मौत दिखाई गई और दो अलग-अलग मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से तैयार कराए गए। बजरंग दल नेता विकास त्यागी द्वारा पूरे मामले को उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया इसके बाद डीएम दिनेश चंद्र द्वारा पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए तो जांच में परत खुलती चली गई। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार पूरे मामले की उच्च अधिकारियों से एसआईटी जांच भी कर सकती है। क्योंकि जिस प्रकार से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया गया और उसके बाद रजिस्ट्री विभाग में जाकर फर्जी वसीयत कर ली गई यह अपने आप में बड़ा मामला है।

16 फरवरी को हुई मौत, तो 20 फरवरी को कैसे हो गई वसीयत?

चर्चित भूमाफिया द्वारा शोएब के नाम करोड़ों रुपए की संपत्ति को कब्जाने की नीयत से 20 फरवरी को संपत्ति की फर्जी वसीयत कराई गई। जबकि शोएब की मौत 16 फरवरी को ही हो चुकी थी। अब सवाल यह उठता है कि जब शोएब की मौत 16 फरवरी को हुई थी तो आखिर 20 फरवरी को वह कौन व्यक्ति था जो रजिस्टर कार्यालय में शोएब बनकर गया था और इतना ही नहीं दो गवाह भी उसके साथ गए थे। पूरे मामले में एसडीएम देवबंद जांच कर रहे हैं क्या कार्रवाई होती है यह तो वक्त ही बताएगा।

जांच में फंसे भूमाफियाओं को बचाने में जुटे सफेद पोश नेता

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर गलत तरीके से कराई गई फर्जी वसीयत के मामले में फंसे भू माफिया और कुछ अधिकारियों को सफेद पोश नेता बचाने में जुट गए हैं। उक्त सफेद पोश नेता लगातार अपने प्रभाव से जहां जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं अधिकारियों पर भी अपने लोगों को बचाने का दबाव बना रहे हैं। देवबंद में जिस प्रकार से भूमाफियाओं का आतंक जन्म सीमा पर पहुंच चुका है यह आने वाले समय में देवबंद के लिए ठीक नहीं है।

 

वर्ज़न…….

पूरे मामले में गंभीरता के साथ जांच जारी है। प्रकरण से जुड़े लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दोषी लोगों पर कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज होगा।

  • अंकुर वर्मा, एसडीएम देवबंद।
  • प्रशांत त्यागी
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