शामली का शुगर मिल प्रबंध तंत्र हुआ बेरहम, आज तक भी किसानों और मजदूरों का नहीं किया भुगतान
क्षेत्र के किसानों और मजदूरों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
प्रशांत त्यागी,
शामली की सरसादी लाल शुगर मिल किसानों और मजदूर हो के प्रति बेरहम हो चली है। शुगर मिल जहां किसानों का 214 करोड रुपए बकाया गन्ना भुगतान लिखित में वादा करने के बावजूद भी आज तक नहीं कर पाई है। परिणाम स्वरुप क्षेत्र में किसान बेहाल हैं, किसान यहां पर अपने बच्चों की फीस की तो छोड़िए घर के लिए खाने का सामान तक भी नहीं खरीद पा रहे हैं। दवाई के लिए किसानों के पास पैसा नहीं है। सिर्फ वजह है मिल मालिकों की किसानों के प्रति उदासीनता और उच्च स्तर पर लापरवाही। इतना ही नहीं लिखित में भुगतान को लेकर वादा करने के बाद भी लखनऊ से लेकर जिला जनपद में बैठे अधिकारी मिल के खिलाफ ना तो कोई ठोस कार्रवाई कर रहे हैं और ना ही जमीनी स्तर
पर मिल के खिलाफ कोई कार्रवाई नजर आ रही है।
क्षेत्र के किस मांगेराम, रामफल, राजकरण, दिनेश फौजी, संजीव चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से बकाया गन्ना भुगतान करने की मांग की है। किसानों ने मुख्यमंत्री से मांग की अगर बकाया करना भुगतान उनका
नहीं दिया जाता तो ऐसी स्थिति में मिल का गन्ना अन्य मिल को डाइवर्ट कर दिया जाए उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। क्योंकि इसके बाद वह अपने घर का खर्चा आराम से चला सकेंगे। और उनके गाने के सट्टे पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उचित मांगों को लेकर मजदूरों ने भी की थी हड़ताल
मिल में कार्यरत मजदूर भी अपनी उचित मांगों को लेकर मिल प्रबंधन तंत्र से नाराज नजर आ रहे हैं। दो दिन पूर्व यहां पर मिल के मजदूरों द्वारा हड़ताल करते हुए जमकर हंगामा प्रदर्शन किया था। क्योंकि यहां पिछले वर्षों से मजदूरों का मिल पर बकायाहै, जिसके चलते मिल में कार्यरत मजदूर भी खस्ता हाली से गुजर रहे हैं। इसके बावजूद भी मिल के मलिक को के चेहरे पर जरा भी सिकन नजर नहीं आ रही है।
एक सप्ताह पूर्व मिल को दी गई थी कार्रवाई की चेतावनी, लेकिन हुआ कुछ नहीं
एक सप्ताह पर शामली में आयोजित बैठक के दौरान जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बकाया गन्ना भुगतान न करने के मामले में शुगर मिल के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। यहां तक चेतावनी दी गई थी कि अगर आप भुगतान नहीं करेंगे तो आपका गणना अन्य मिलन को डाइवर्ट कर दिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों की धमकी भी महज एक औपचारिकता भर ही नजर आ रही है। अब देखना यह है कि अधिकारी मिल के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या पहले की तरह ही मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
रिपोर्ट प्रशांत त्यागी
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