सादगी, ईमानदारी, देशभक्ति का प्रतीक थे शास्त्रीः– गजराज राणा
देवबंद।आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर गजराज राणा व बिजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में शास्त्री चौक देवबन्द पर स्थापित शास्त्री जी की मूर्ति को नहलाकर व आस पास की साफ सफाई करने के उपरान्त शास्त्री जी की मूर्ति को मालार्पण कर उनकी जयंती की शुभकामनाए दी गई।
इस अवसर पर सभासद गजराज पूर्व नगर अध्यक्ष भाजपा ने शास्त्री जी की जयंती की शुभकामनाए देते हुए कहा कि शास्त्री जी का जन्म २ अक्टूबर सन १९०४ को मुगलसराय में हुआ था। उन्होने रेल मंत्री, ग्रह मंत्री से लेकर भारत के प्रधानमंत्री का सफर तैय किया। देशभक्ति, नेतिकता, ईमानदारी, निष्ठा ओर सादगी उनमें उनमें कुट कुट कर भरी हुई थीं। जिसके अनेको उदाहरण इतिहास के पन्नो में सुनहरे अक्षरो में दर्ज है। भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी उनका जीवन निर्धनता में बीता। जब उनकी मृत्यु हुई तब उनके खाते में मात्र ३६५ रू० ३५ पेसे मात्र थे। हम सबको शास्त्री जी के चरित्र से प्ररेणा लेकर उनको अपने जीवन में अपनाना चाहिये।
पूर्व नगर महामंत्री बिजेन्द्र गुप्ता ने अपनी शुभकामनाए देते हुए कहा कि शास्त्री जी ने विभिन्न महत्पूवर्ण पदो पर रहकर ईमानदारी, नेतिकता, चरित्र की ऐसी मिसाल पेश की, जो अविस्मरणीय है। भारत चीन युद् के समय उन्होने देशवासियो को सप्ताह में एक दिन भोजन करने की अपील करते हुए जय जवान, जय किसान का नारा बुलन्द किया। जिसके बाद भारत में अनाज क्रांति और देश पर मर मिटने के जज्बे में इजाफा हुआ। आज के समय जब राजनिति में अधिकतर राजनेताओ में धन अर्जित करने का पेशा मात्र बन गई है ऐसे समय में शास्त्री जी की ईमानदारी, नेतिकता, चरित्र और देश के प्रति निष्ठा को याद कर उसको आने वाली पीढी को बताकर उसे अपनाने की जरूरत है पर दुख है कि व्यक्ति विशेष् को बढावा देने के लिये शास्त्री जी को भूला दिया गया।
इस दौरान सुनील धीमान, प्रवीन धीमान, विजय सैनी, श्रीमति राजबाला धीमान, चन्द्रभान, विनोद महाराज, सोमदत्त धीमान, प्रार्वनी त्यागी , प्रवीण गोयल आदि ने भी शास्त्री जी की जयंती पर अपनी शुभकामनाए दी।
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