आगरा। तुम्हारी मां ने ऐसा सोचा होता तो तुम आज यहां कैसे होती? अपनी बेटी के परिवार में दखल मत दो और सासु जी अगर दोबारा बहु कुछ कहे तो मेरे पास आना….इस तरह डांट और दुलार का मिश्रित प्रयोग कर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने पांच मिनट के अंदर चार वादाें का निस्तारण कर दिया।
बबीता सिंह चौहान शनिवार को परिवार परामर्श का निरीक्षण करने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने महिलाओं की शिकायत पर तत्काल समाधान करने के लिए कहा और पुरुषों को भी अन्याय से बचाने के निर्देश काउंसलर को दिए। पारिवारिक मामलों में तीन काउंसलिंग के बाद भी सीधा मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति देने के बजाय आरोपों की पुलिस द्वारा जांच कराने को कहा।
महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केंद्र पहुंच कर काउंसलिंग के लिए आए दंपतियों और उनके स्वजन से बात की।

परिवार परामर्श केंद्र में मामलों की ली जानकारी

अपर पुलिस उपायुक्त प्रोटोकॉल पूनम सिरोही से परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के बारे में विस्तार से जानकारी ली। महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक रहने को कहा। दंपतियों को समझाया कि परिवार सबकुछ होता है। कई बार मामूली बातों पर दंभ के कारण परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाते हैं। ऐसे में दोनों को एक दूसरे को समझते हुए परिवार को जोड़े रखने का प्रयास करना चाहिए।

काउंसलरों को समझाया कि काउंसलिंग में सुलह न होने पर पुलिस से आरोपों की जांच करवानी चाहिए। उसके बाद मुकदमा की संस्तुति होनी चाहिए। परिवार परामर्श केंद्र में परिवारों को टूटने से बचाने के लिए अच्छा प्रयास किया जा रहा है।

बेटी होने पर पति से झगड़ा

निरीक्षण के दौरान एक दंपती की सुनवाई के बारे में जानकारी ली तो काउंसलर सतीश खिरवार ने बताया कि बेटी होने पर पत्नी अपने पति से झगड़ रही है। गर्भ की जांच कराने से मना करने पर बेटी होने का दोष पति को देकर ससुराल छोड़ मायके रह रही है। बबिता चौहान ने महिला को लताड़ लगाई और बेटी और बेटे के समान होने की बात समझाई। समझौता करवा दूसरे केबिन में काउंसलर से बात की।

मामला समझ लिया और विवाहिता की मां को लताड़ लगाकर बेटी के परिवार में हस्तक्षेप से मना किया और सास को भविष्य में परेशान करने पर पुलिस से शिकायत करने को कहा। इसके बाद दंपती सुलह के लिए तैयार हो गए।

जिम, बुटीक और पार्लर संचालक महिलाओं को नौकरी पर रख दें प्रशिक्षण

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि जिम, पार्लर और बुटीक संचालकों की संख्या बहुत है। प्रशासन सूची तैयार कर रहा है। पहले किसी ने महिलाओं की परेशानी के बारे में सोचा ही नहीं गया। अब अगर संचालकों को प्रशिक्षित महिला नहीं मिल रही हैं तो उन्हें महिलाओं को नौकरी पर रखकर प्रशिक्षण देना होगा।

गांव और कस्बे में काम करने वाला टेलर कभी महिलाओं से गलत व्यवहार की सोच नहीं सकता। मोटी रकम लेकर काम करने वालों की सोच खराब है। किसी छोटे दुकानदार की आड़ लेकर बचने का मौका नहीं दिया जाएगा। जल्द सभी को इन प्रतिष्ठानों पर महिलाएं दिखेंगी।

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