देहरादून।उत्तराखण्ड संस्कृति साहित्य एवं कला परषिद के तत्वाधान में दिनांक 23 नवम्बर, 2023 को सांय 05.00 बजे से मुख्यमंत्री आवास देहरादून में उत्तराखण्ड के लोक पर्व ‘ईगास” का भब्य आयोजन किया जा रहा है। श्रीमती मधु भट्ट उपाध्यक्ष द्वारा अवगत कराया गया है कि ईगास एक पारम्परिक पौराणिक पर्व ही नहीं अपितु हमारी संस्कृति की पहचान एवं सांस्कृतिक धरोहर है। गढवाल क्षेत्र में कहते हैं इसका वर्णन हमारी लोक गाथाओं में है कि वीर भड़ माधो सिंह भण्डारी जब तिब्बत बोर्डर पर लड़ाई लड़ रहे थे और दीवाली आने वाली थी, उनकी मों के साथ सभी उनका इंतजार कर रहे थे पर वो नहीं आ पाये। दीवाली के ठीक ग्यारह दिन बाद वे तिब्बत विजय कर आये तब लोगों ने फिर से दीवाली मनाई जिसे ईगास कहते हैं। कुमाऊँ में इसे ग्यारह दिन बाद बूढ़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है। एकादशी के दिन, कहते हैं कि भगवान विष्णु जब शयन में थे तो तब (हरिबोधनी एकादशी) के रूप में प्रभु को जागृत करने के लिये भी मनाया जाता है। साथ ही श्री राम के अयोध्या पहुँचने की सूचना पहाड़ों में ठीक ग्यारह दिन बाद मिली तब पर्वतमालाओं में चीड़ के छिलुओं से प्रकाश कर इसे मनाया गया।
आशीष त्यागी राजसत्ता पोस्ट देहरादून
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