स्कूली बच्चे चपेट में, चिकनगुनिया के बड़े मरीज
-गांव में हर घर बुखार से पीड़ित मरीज, बच्चे और महिलाएं ज्यादा शामिल
प्रशांत देवबंद। संवाददाता
तहसील देवबंद का क्षेत्र मलेरिया, टाइफाइड और वायरल फीवर से कहरा उठा है। गांव गांव हर घर में बुखार में ग्रामीणों का बुरा हाल है। पिछले डेढ़ माह में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है।
सितंबर और अब अक्टूबर माह में बढ़ती भीषण गर्मी और इस बार हुई भारी बारिश के चलते क्षेत्र में वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी घातक बीमारियों का कहर लोगों पर बनकर टूटा है। तहसील देवबंद के गांव गांव में तो वायरल फीवर, मलेरिया और टाइफाइड जैसी घातक बीमारियों के चलते लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। यहां ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बुखार की चपेट में आने से बेहाल हैं। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ गांव के लोगों को तो गंभीर हालत के चलते सहारनपुर, देवबंद व नागल के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। क्योंकि सरकारी चिकित्सालय में सुविधाओं के नाम पर ना तो कोई चिकित्सक है और ना ही दवाइयां उपलब्ध है। जिसके चलते आम जनता खासकर गरीब तबके के लोगों को भारी रूप से आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। यहां कुछ लोग चिकनगुनिया की भी चपेट में आ गए हैं जिनका उपचार जारी है। ग्रामीण संजय कुमार, नूर हसन, अनुज कुमार, नरेश कुमार आदि ने बताया कि गांव के बीचो-बीच स्थित तालाब में गंदा पानी एकत्रित होने के कारण महामारी का खतरा फैल रहा है इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर सफाई व्यवस्था भी ठप पड़ जाने के कारण बीमारी फैल रही है। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से गांव के तालाब की सफाई व गांव में सफाई व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है।
वर्जन…..
प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग का कार्य कराया जा रहा है। कुछ गांव में ग्राम प्रधान फागिंग कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इस बार हुई भारी बरसात और एकत्रित गंदे पानी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
डॉ नितिन कुमार, प्रभारी सी एच सी नागल।
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