केंद्र सरकार ने एक देश, एक चुनाव के लिए बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इसके लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है। केंद्र सरकार ने शनिवार (2 सितंबर) को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सहित इस 8 सदस्यीय समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद भी शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कमेटी के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। बताया जा रहा है कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो सकते हैं या नहीं, यह पता लगाने के लिए केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति भारत की चुनावी प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। केंद्र सरकार ने आने वाले 18 से 22 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र को बुलाए जाने के केंद्र के फैसले के बाद वन नेशन वन इलेक्शन के लिए समिति गठित की गई है।
वहीं समिति में सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, सुभाष सिंह कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी हैं। कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेज़ी में एचएलसी कहा जाएगा। विधियों न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र इसका हिस्सा होंगे। नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में करीब 40 वर्षों पहले (1983 में) पहली बार चुनाव आयोग ने सुझाव दिया था। अब 2023 में सरकार ने इस कदम की संभावनाएं और व्यहार्यता तलाशने के लिए एक कमेटी बनाई है। वन नेशन वन इलेक्शन पर समिति का गठन ऐसे समय किया गया है जब पांच राज्य आगामी नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, जो कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले होंगे। अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद है। हाल के कदमों से संकेत मिलता है कि सरकार इनमें से कुछ चुनावों को लोकसभा चुनाव के साथ कराने पर विचार कर सकती है।
" "" "" "" "" "