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पीड़िता बयान दर्ज कराते भाउक होकर रो पड़ी
गत 1994 में उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर पुलिस फायरिंग व महिलाओं के साथ हुआ था सामूहिक बलात्कार
मुज़फ्फरनगर में गत दो अक्टूबर 1994 में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग महिलाओं के साथ अत्याचार की घटना के संबंध में सीबीआई द्वारा महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के एक मामले में विशेष अदालत एडीजे 7 की कोर्ट में आज 75 वर्षीय पीड़ित महिला कोर्ट में पेश हुई तथा कोर्ट में उसके बयान दर्ज किए गए बयान देते महिला भाउक होकर रोपड़ी ओर बताया कि उसके साथ दो आरोपियों ने बलात्कार किया था, इस मामले में आरोपी पूर्व पुलिस कर्मचारी मिलाप सिंह व वीरेंद्र प्रताप कोर्ट में उपस्थित थे महिला ने सीबीआई की कहानी को सही बताते हुए बताया कि घटना के समय वह 45 वर्ष की थी और अब वह 75 वर्ष की है और श्रीनगर ग़ढ़वाल से बयान देने आई है, बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंदर कुमार ने जिरह की ऐ डीजे 7 शक्ति सिंह ने अगली सुनवाई के लिए दो अगस्त नियत कर दी एडीजी सी प्रवेंद्र कुमार ने बताया कि इस से पूर्व कोर्ट के आदेश पर बयान के समय कड़ी सुरक्षा रखी गई और मामले से संबंधित सीबीआई वकील सरकारी वकील व बचाव पक्ष के वकील के अलावा सभी का प्रवेश रोक दिया गया था पीडिता को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश व वापस श्रीनगर भेज दिया है,
बता दें की गत दो अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड आंदोलनकारी कई बसों में सवार होकर उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए दिल्ली कूच कर रहे थे उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बसपा के समर्थन से सरकार चल रही थी और प्रदेश के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आंदोलनकारियों को रोकने के निर्देश दिए थे इसके बाद आंदोलनकारी शांतिपूर्वक आंदोलन करने लगे थे, मुज़फ्फरनगर रामपुर तिराहा पर पुलिस फाइरिंग महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं के संबंध में सीबीआई ने कई मामले दर्ज किए थे इन मे एक मामला सरकार बनाम मिलाप सिंह आदि की सुनवाई आज हुई है।।
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