कोर्ट से सजा मिलने के बाद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का काफिला अब गुजरात की तरफ बढ़ चुका है. उसे फिर से साबरमती जेल ले जाया जा रहा है. उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक के साथ दो और लोगों को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उमेश के परिवार को पहला न्याय मिल चुका है. अदालत ने आजीवन कारावास के साथ ही तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. उमेश विधायक राजू पाल हत्या मामले में गवाह थे, जिनकी बीते 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने निर्दोष करार देते हुए इस मामले में बरी कर दिया है.
इस बीच राजू पाल की पत्नी और सपा विधायक पूजा पाल ने अशरफ के बरी किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह न्यायहित में नहीं है. उनका कहना है कि इन सभी आरोपियों को बहुत पहले ही सजा हो जानी चाहिए थी. उन्होंने अशरफ को अतीक से भी अधिक खतरनाक बताते हुए कहा कि उसे भी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज हो चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा. पूजा पाल ने राजू पाल की हत्या के सभी आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है. उन्होंने अतीक और उसके भाई अशरफ को बहुत प्रभावशाली बताते हुए कहा कि उनका शासन तक में दखल है और वे अपनी मर्जी से तारीखें लगवाते हैं.
अशरफ को सता रहा हत्या का डर
वहीं अशरफ को अब अपनी हत्या का डर सताने लगा है. कोर्ट के फैसले के बाद उसे बरेली जेल ले जाया गया है. अशरफ ने कहा है कि प्रयागराज में उसे एक अधिकारी ने धमकी दी है कि अभी तो बच गए हो, दो सप्ताह बाद जेल से निकालकर तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी. हालांकि उसने उस अधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया, लेकिन उसने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो उस अधिकारी का नाम मेरा बंद लिफाफा कोर्ट के सामने खुलेगा. उसने प्रदेश सरकार से इसकी जांच करने की भी मांग की. उसने अपने उपर लगे सभी आरोपों को फर्जी बताया. उसने कहा कि उसके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. अशरफ ने मीडिया से बात करते हुए यह कहा.
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