नई दिल्ली. 24 मार्च 2018, एक ऐसी तारीख जो ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट इतिहास का सबसे काला दिन है. उस दिन ऑस्ट्रेलिया पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हुआ. जो खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम की शान थे वो टीम से ही बाहर हो गए. एक घटना ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को चीटर साबित कर दिया. एक घटना ने वर्ल्ड चैंपियन टीम की साख पर ऐसा दाग लगाया जो आज तक धुल नहीं पाया है. बॉल टेंपरिंग करके बईमानी करने की वजह से टीम के कोच से लेकर कप्तान तक को टीम से बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
जगह थी साउथ अफ्रीका का मशहूर केपटाउन मैदान, जहां साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट का तीसरा दिन चल रहा था. ऑस्ट्रेलियाई टीम विकेट के लिए तरस रही थी. तभी अचानक एक कैमरा जैसे ही ऑस्ट्रेलियाई फील्डर कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर गया तो सबको नजर आया कि ये युवा खिलाड़ी अपनी पैंट से कुछ निकालकर गेंद पर रगड़ रहा था. जब फील्ड अंपायर ने ये दृश्य देखा तो फौरन बैनक्रॉफ्ट को बुलाया और पता चला की गेंद को टेंपर करने के लिए बैनक्रॉफ्ट उसपर सैंडपेपर घिस रहे थे. गेंद को घिसने से उसे रिवर्स स्विंग मिलती और ऑस्ट्रेलिया को विकेट. ये बाद कुछ ही देर में पूरे मीडिया में फैल गई.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उठाया सख्त कदम
कुछ ही मिनटों में पूरी दुनिया की क्रिकेट मीडिया में ये घटना चर्चा में आ गई. ऑस्ट्रेलियाई टीम की छीछालेदार हुई. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को ये बात बिलकुल बर्दाश्त नहीं हुई. स्टीव स्मिथ उस वक्त टीम के कप्तान थे और उस दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो और बैनक्रॉफ्ट एक साथ मीडिया के सामने आए, जहां उन्होंने इसकी जानकारी की बात कही थी. जांच में पता चला कि ये प्लान डेविड वॉर्नर ने बनाया था और स्टीव स्मिथ को इसकी जानकारी थी. बैनक्रॉफ्ट को ये काम करने को कहा गया. ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने तुरंत तीनों खिलाड़ियों को वापस देश बुला लिया और टीम के कप्तान स्मिथ और उपकप्तान डेविड वॉर्नर को 1-1 साल के लिए बैन किया गया. वहीं बैनकॉफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा. साथ ही स्मिथ की कप्तानी पर दो साल और वॉर्नर पर कप्तान बनने आजीवन बैन लगा दिया गया.
स्मिथ-वॉर्नर के बहे थे आंसू
इन तीनों ही खिलाड़ी को मीडिया के सामने आकर अपने अपराध स्वीकार करने को कहा गया. स्मिथ, वॉर्नर और बैनक्रॉफ्ट तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आकर अपना जुर्म स्वीकार किया. मीडिया के सामने आने पर स्मिथ और वॉर्नर अपने आंसू रोक नहीं पाए. किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इतना सख्त कदम उठाएगा और अपने प्रमुख खिलाड़ियों को ही टीम से बाहर कर देगा. जहां खिलाड़ियों ने टीम को शर्मसार कर दिया वहीं उनके क्रिकेट बोर्ड ने साफ कर दिया कि इस तरह की बेईमानी को वो बिलकुल नहीं सहेंगे. साथ ही उस सीरीज के बाद कोच डैरन लेहमन ने भी इस्तीफा दे दिया.
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