लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी लीडर अब्दुल रहमान मक्की ने जेल से वीडियो जारी कर भारत को लेकर बयान दिया है. उसने कहा है कि उसको संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा ग्लोबल आतंकी भारत की वजह से घोषित किया गया है. हालांकि लाहौर (पाकिस्तान) की कोट लखपत जेल जारी किए गए वीडियो में मक्की ने कहा है कि उसका आतंकी संगठन अल कायदा या इस्लामिक स्टेट से किसी भी तरह का लिंक नहीं है.

आतंकी मक्की के बयान को लेकर पीटीआई ने जानकारी दी है. पीटीआई ने मक्की के हवाले से लिखा है,” “मेरा मानना ​​है कि मेरी लिस्टिंग का आधार भारत सरकार की गलत सूचना पर आधारित है.”

मक्की ने आगे कहा,’ मैं ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी या अब्दुल्ला आजम से कभी नहीं मिला, जैसा कि कुछ रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है.”

UNSC के फैसले पर खेद जताते हुए मक्की ने कहा, “इन लिस्टिंग के संबंध में न तो किसी तय प्रक्रिया का पालन किया गया और न ही जानकारी दी गई.” मक्की 1980 के दशक में इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद (Islamic University Islamabad) के एक संकाय सदस्य होने के आरोपों से भी इनकार किया, जहां उस पर अल कायदा के नेताओं या अफगान कमांडरों से मिलने का आरोप लगाया गया था.

आइए जानते हैं अब्दुल रहमान मक्की कौन है? 

अब्दुल रहमानी मक्की 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सदस्य है. भारत और अमेरिका में पहले ही मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है. भारत बीते साल यूएन में एक प्रस्ताव भी लाया था, जिससे मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सके, लेकिन चाइना ने हमेशा की तरह अड़ंगा लगाने का काम किया. जिसके बाद उसे वैश्विक आतंकी घोषित नहीं किया जा सका था.

बताया जाता है कि कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में भी मक्की का हाथ रहा है. इसके साथ ही मक्की भारत के खिलाफ आतंकियों को तैयार भी करता है. मक्की युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाता है और उन्हें भड़काता है.

मुंबई ब्लास्ट में भी थी महत्वपूर्ण भूमिका 

मक्की हाफीज सईद का सबसे खास रिश्तेदार है जो कि उसके काले खेल में हमेशा वफादारी से साथ देता है. मुंबई ब्लास्ट में मक्की ने महत्वपूर्ण रोल निभाया था. वह अमेरिका द्वारा नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) लश्कर के भीतर विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभा रहा है. इससे पहले उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है.

पाकिस्तान ने सुनाई थी 6 महीने की सजा
करीब दो साल पहले पाकिस्‍तान की आतंकवाद निरोधी एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में अब्दुल रहमान मक्की को भी 6 महीने की सजा सुनाई थी.

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