ढाका में भीड़ ने हिंदू कारोबारी की पीट-पीटकर हत्या की, शव पर नाचती रही भीड़

ढाका। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला ओल्ड ढाका के मिटफोर्ड अस्पताल के सामने का है, जहां एक हिंदू कारोबारी लाल चंद सोहाग “42” की सरेआम पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हैरानी की बात यह रही कि उनकी मौत के बाद भी भीड़ उनके शव पर कूद-कूदकर नाचती रही और उस पर हमले करती रही।

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लाल चंद कबाड़ के कारोबारी थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हमलावरों ने कंक्रीट के स्लैब से सोहाग को तब तक पीटा, जब तक उनकी मौत नहीं हो गई। आरोप है कि हमलावर जबरन वसूली करने वाले लोग थे, जिन्होंने दिनदहाड़े इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया। भीड़ में मौजूद किसी ने भी हमलावरों को रोकने की कोशिश नहीं की।

पुलिस कार्रवाई और एफआईआर
बांग्लादेश के ‘प्रथम अलो’ अखबार के अनुसार, मृतक की बहन मंजूआरा बेगम ने कोतवाली थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें 19 नामजद आरोपियों के साथ 15–20 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो के पास से अवैध हथियार बरामद हुए हैं।

सरकार पर गंभीर सवाल
वीडियो वायरल होने के बाद बांग्लादेश सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। घटना ने देश में अल्पसंख्यकों की असुरक्षा की स्थिति को फिर उजागर कर दिया है।

अल्पसंख्यकों पर हमलों में तेजी
2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हुए हिंसक आंदोलनों के बाद से बांग्लादेश में भीड़ हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है। बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के अनुसार, 4 अगस्त 2024 से लेकर पिछले 330 दिनों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2442 घटनाएं हुई हैं। इनमें हत्या, महिलाओं पर यौन हमले, धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर हमले जैसी घटनाएं शामिल हैं।

इस घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए लगातार बढ़ते खतरे और प्रशासनिक विफलताओं की पोल खोल दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने भी बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

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