शिवशक्ति धाम डासना में सनातन धर्म की रक्षा और सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण हेतु होगा सहस्त्र चण्डी व बगलामुखी महायज्ञ

हिन्दुओ की रक्षा केवल सनातन वैदिक राष्ट्र में ही सम्भव-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी सनातन धर्म की रक्षा और सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण सहित सात उद्देश्यों को लेकर 110 दिन का विराट धार्मिक अनुष्ठान करने का निर्णय लिया।यह निर्णय उन्होंने आज अपने साथियों और शिष्यगणो के साथ बैठक में लिया।।

बैठक को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि हमारी कायरता, अकर्मण्यता और कमीनेपन के कारण अब हम ऐसी स्थिति में आ चुके हैं जहाँ केवल माँ और महादेव ही हमारी रक्षा कर सकते हैं।उनकी कृपा के बिना अब यह किसी भी मानव के बस में नहीं रह गया है।अतः उनकी कृपा प्राप्ति हेतु विश्व के प्राचीनतम तीर्थो में से एक शिवशक्ति धाम डासना में 18 जनवरी 2023 से 5 मई 2023 तक
हम सभी सनातन धर्मावलंबियों को जगद्जननी माँ जगदम्बा व महादेव की अखण्ड भक्ति की प्राप्ति,सद्बुद्धि की प्राप्ति, सनातन धर्म की रक्षा, सनातन धर्म के मानने वालों के घर परिवार सहित उनके अस्तित्व की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश,सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालु भक्तगणो की समस्त मनोकामना की पूर्ति हेतु *श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि जी महाराज,अध्यक्ष श्रीमहन्त प्रेमगिरि जी महाराज व प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज के मार्गदर्शन* में एक सौ आठ दिवसीय सहस्र चण्डी मां बगलामुखी महायज्ञ व 6,7 मई 2023 को दो दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है।इस आयोजन में विश्व के सभी प्रख्यात गीता मनीषियों,साधु संतो और विद्वानों को निमंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस महान आयोजन के उपरांत शिवशक्ति धाम डासना से यह महायज्ञ और श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार का अभियान सम्पूर्ण विश्व मे ले जाया जाएगा।सनातन धर्म के सभी मानने वालों को इस अभियान से जुड़कर तन,मन और धन से सहयोग करना चाहिये क्योंकि अब माँ और महादेव की कृपा से ही सनातन वैदिक राष्ट्र बन सकता है।हर हिन्दू को समझ लेना चाहिये कि अब सनातन वैदिक राष्ट्र के बिना हिन्दुओ का धर्म और अस्तित्व बचना असम्भव है।
बैठक में भक्तगण सहित कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी महाराज तथा अन्य यति सन्यासी उपस्थित थे।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *