तिहाड़ में रहते हुए भी लेते रहे वेतन, डॉक्टर पर फर्जी हाजिरी से तनख्वाह लेने का आरोप
मुजफ्फरनगर। तिहाड़ जेल में रहते हुए भी वेतन लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल में तैनात एक डॉक्टर ने तिहाड़ में रहते हुए भी फर्जी हाजिरी लगाकर वेतन ले लिया। इस मामले में उन्होंने जांच की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरकाजी में तैनात डॉ. अरुण कर्णवाल को वर्ष 2016-17 में रेप केस में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वह करीब तीन माह 17 दिन तक तिहाड़ जेल में रहे। आरोप है कि जमानत पर रिहाई के बाद उन्होंने अस्पताल की हाजिरी पंजिका में हेरफेर कर जेल में रहने के दौरान की हाजिरी भी भर दी और वेतन प्राप्त कर लिया।
इस गंभीर प्रकरण की शिकायत डीएम से लेकर शासन स्तर तक की गई थी। डीएम ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी गठित की थी। इस दौरान गवाहों ने अस्पताल में आकर बयान भी दर्ज कराए, जो रिकॉर्ड में सुरक्षित हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों से निष्पक्ष जांच संभव नहीं, इसलिए अन्य विभाग से जांच कराई जाए ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
RTI से हुआ खुलासा
यह मामला सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत उजागर हुआ। आरटीआई से प्राप्त जानकारी में स्पष्ट हुआ कि जेल में रहते हुए भी डॉक्टर अरुण कर्णवाल की उपस्थिति सरकारी रजिस्टर में दर्ज होती रही और उन्हें एक माह का वेतन भी दिया गया। इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गए हैं।
सीएमओ ने दी सफाई
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया ने कहा, “डॉ. अरुण कर्णवाल को एक माह का वेतन गलती से जारी हो गया था। संज्ञान में आते ही वेतन वापसी का नोटिस दिया गया। बाद में अदालत ने उन्हें निर्दोष घोषित किया, जिसके बाद उन्हें बाकी वेतन देने के निर्देश मिले हैं। इस संबंध में विभागीय कार्यवाही अभी भी चल रही है।”
शिकायतकर्ता मांगेराम त्यागी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह यह मामला उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के समक्ष उठाएंगे।

