मुजफ्फरनगर में रावण के भेष में दिखा शिवभक्त कावड़िया, हरिद्वार से पैदल ला रहा गंगाजल

मुजफ्फरनगर, 14 जुलाई 2025: सावन माह की कावड़ यात्रा में इस बार मुजफ्फरनगर में एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर दिल्ली के बुराड़ी के लिए कावड़ ला रहे एक शिवभक्त कावड़िया रावण के भेष में दिखाई दिए, जिसने कावड़ यात्रा में आए अन्य शिवभक्तों और राहगीरों का ध्यान खींच लिया।

रावण के भेष में नजर आए इस शिवभक्त का नाम मूलचंद त्यागी है, जो दिल्ली के बुराड़ी के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि रावण को शिव का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है, इसलिए वे भी रावण का रूप धारण कर कावड़ ला रहे हैं।

क्या बोले शिवभक्त मूलचंद त्यागी

मूलचंद त्यागी ने कहा:

> “दशानन रावण हूं मैं। हरिद्वार से पैदल चलकर दिल्ली बुराड़ी में गंगाजल चढ़ाने जा रहा हूं। रावण शिव का सबसे बड़ा भक्त था, इतिहास गवाह है कि उसने अपने दस सिर काटकर भगवान शिव को अर्पित किए। शिव के प्रिय भक्त रावण की भांति मैं भी भोलेनाथ की भक्ति कर रहा हूं। इसमें कोई जाति या धर्म की बात नहीं है, शिव सबके हैं और इस यात्रा में सभी बिरादरी व सभी धर्म के लोगों का प्यार मिल रहा है।”

 

क्यों खास है यह कावड़ यात्रा

सावन माह में हर साल करोड़ों शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल उठाकर मुजफ्फरनगर होते हुए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपने-अपने शिवालयों में जल अर्पित करते हैं। इस दौरान सड़कें रंग-बिरंगी और अनोखी कावड़ों से सज जाती हैं, और कई शिवभक्त अलग-अलग रूपों में दिखाई देते हैं।

रावण के भेष में आए मूलचंद त्यागी ने कावड़ यात्रा में शामिल अन्य भक्तों और राहगीरों का मन मोह लिया। उनके साथ लोग फोटो खिंचवा रहे हैं और उनके इस अनोखे अंदाज की सराहना कर रहे हैं।

हरिद्वार से लेकर मुजफ्फरनगर तक भक्तिमय माहौल

हरिद्वार से मुजफ्फरनगर होते हुए कावड़ यात्रा में न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से आने वाले शिवभक्त शामिल होते हैं। जगह-जगह कावड़ियों के लिए भंडारे, शीतल जल सेवा और मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, ताकि शिवभक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

रावण के भेष में शिवभक्ति कर रहे मूलचंद त्यागी की यह अनोखी श्रद्धा कावड़ यात्रा की भीड़ में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इसे शिवभक्ति की सच्ची मिसाल मान रहे हैं।

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