देहरादून। गर्मी शुरू होते ही सुभाष नगर, भारुवाला ग्रांट और टर्नर रोड की करीब 10,500 उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने शुरू हो जाता है। इस गर्मी सीजन भी पेयजल किल्लत से लोग बेहाल हैं लेकिन मुसीबत खत्म होने की बजाये लगातार बढ़ती जा रही है। पांच साल से बेहतर पेयजल आपूर्ति की राह देखे रहे लोगों का धैर्य अब जबाव देने लगा है।
सीएम की घोषणा के बाद एस्टीमेट तो बना लेकिन शासन से स्वीकृति न मिलने से धरातल पर योजना नहीं ऊतर सकी। दरअसल, शहर के सुभाष नगर,भारुवाला ग्रांट और टर्नर रोड के उपभोक्ताओं को पर्याप्त पानी की आपूर्ति को लेकर सीएम ने वर्ष 2021 में समुचित पेजयल आपूर्ति के लिए योजना बनाने की घोषणा की थी लेकिन योजना का निर्माण तो हुआ लेकिन इसे शासन से स्वीकृति नहीं मिल सकी।
वहीं क्षेत्र के लोगों को अब भी पर्याप्त पानी आपूर्ति न होने से परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। यही नहीं जलसंस्थान की ट्यूबवेलों के जरिये क्षेत्र में अलग-अलग समय पर पानी की आपूर्ति हो रही है। कई कॉलोनियों में ट्यूबवेलों के जरिये सीधी पानी की आपूर्ति हो रही है।
दो बार भेजा गया प्रस्ताव लेकिन नहीं मिली स्वीकृति
सीएम की घोषणा के बाद पेजयल निगम भंडार गृह शाखा ने योजना का सर्वे कर प्रस्ताव शासन को भेजा लेकिन किसी कारणवश मंजूरी नहीं मिल सकी। इसके बाद वर्ष 2024 में दोबारा सर्वे कर 27 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया लेकिन इसे भी अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
30 किलोमीटर लंबा पाइप लाइन नेटवर्क होना है तैयार
योजना के तहत सुभाषनगर, टर्नर रोड व भारुवाला ग्रांट में 30 किलोमीटर नई पाइप लाइन का नेटवर्क तैयार किया जाना है। वहीं पीपलेश्वर मंदिर के पास 2600 किलोलीटर क्षमता के ओवरहैड टैंक का निर्माण होना है। इसके अलावा दो ट्यूबवेलों स्थापित होगी। नई पाइप लाइन से घरों को जोड़कर मीटर से लैस किया जाना है।
योजना को समिति की मिल चूकी है मंजूरी
एक्सईएन दीपक नौटियाल ने बताया कि योजना को दिसंबर 2024 में विभागीय व्यय वित्त समिति से मंजूरी मिल चुकी है लेकिन शासन स्तर पर मामला लंबित है। शासन से स्वीकृति मिलते ही योजना पर कार्य शुरू हो जाएगा।
कई सालों से पानी की परेशानी बढ़ती जा रही है लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। गर्मी सीजन में पानी की खपत से परेशानी ओर बढ़ जाती है।
-धर्मेंद्र सिंह, टर्नर रोड
सरकार को पानी की बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए। पानी के बगैर लोगों को दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलें होती हैं।
-आकाश प्रजापति, सुभाषनगर