गुरुग्राम। प्रदेश समेत गुरुग्राम जिले में भी कांग्रेस संगठन न होने से पिछले 10 सालों में हुए कई चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, पिछले साल हुए विधानसभा, लोकसभा चुनाव में पार्टी का मत प्रतिशत तो बढ़ा, लेकिन एक भी प्रत्याशी चुनाव जीत नहीं सका।
हताश कांग्रेसियों में पार्टी के प्रति नई जान फूंकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर संगठन सृजन की कवायद शुरू की गई है। इसी महीने गुरुग्राम कांग्रेस संगठन बन सकता है और नया जिलाध्यक्ष भी मिल सकता है।
संगठन न होने और प्रदेश समेत गुरुग्राम में गुटबाजी होने से कई मौकों पर कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा में संगठन सृजन की दिशा में जरूरी कदम उठाते हुए 30 जून तक संगठन बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है।

पार्टी नेताओं में हलचल तेज

इससे गुरुग्राम में भी पार्टी नेताओं में नई उम्मीद दिख रही है और हलचल तेज हो गई। जिला स्तर के कई नेता चंडीगढ़ और दिल्ली की दौड़ लगाने लगे हैं। हालांकि, पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिलाध्यक्ष चुनने को लेकर कई शर्तें बताई हैं। इसमें सबसे अहम पांच साल सक्रिय सदस्यता और 35 से 55 साल की उम्र के बीच का होना मुख्य है।

10 जून के बाद एआइसीसी आब्जर्वर गुरुग्राम में करेंगे बैठक

पार्टी सूत्रों के अनुसार 30 जून से पहले जिला संगठन बनाने की प्रक्रिया को लेकर कवायद तेज हो गई है। 10 जून के बाद कभी भी राष्ट्रीय कमेटी की तरफ से नियुक्त किए गए आब्जर्वर जिले के नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। उनके साथ प्रदेश कमेटी के आब्जर्वर भी शामिल होंगे।

यह पहली बार हो रहा है कि जिला स्तर पर संगठन बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के आब्जर्वर बैठक लेकर नाम तय करेंगे। आब्जर्वर बैठक में ही नेताओं से जिलाध्यक्ष के लिए आवेदन मांगेंगे। इसके बाद सभी सदस्यों से विचार-विमर्श और फीडबैक लेकर छह नामों का पैनल बनाकर प्रदेश व राष्ट्रीय कमेटी के समक्ष रखा जाएगा।

यहीं से शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष का नाम तय होगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिलाध्यक्ष चुनने के लिए एक फार्मेट बना दिया गया है। सभी नियम व शर्तें पूरी करने वाले नेता को ही संगठन की जिम्मेदारी दी जाएगी।

गुटबाजी पर होगी सख्त कार्रवाई

गुरुग्राम में कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है। पिछले साल चुनावों के दौरान इसके उदाहरण देखने को मिले हैं। बैठक के दौरान अगर गुटबाजी दिखती है तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

डेढ़ साल पहले भी जिला संगठन बनाने को लेकर कवायद शुरू हुई थी। उस दौरान कई नेताओं के नाम भी शार्ट लिस्ट हो गए थे। लेकिन गुटबाजी के कारण संगठन नहीं बन पाया था।

 

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