संसद में 1 साल पूरा होने पर बोले सांसद हरेंद्र मलिक
अनुज त्यागी
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से 2024 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते मुजफ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक को आज सांसद बने एक साल हो गया है हालांकि सांसद नरेंद्र मलिक को सांसद बने एक साल 26 जून को होगा मगर 4 जून 2024 को उन्हें मतगणना के बाद जिलाधिकारी के द्वारा जीत का प्रमाण पत्र दिया गया था। इन 1 साल में सांसद हरेंद्र मलिक ने क्या किया यह उन्होंने मीडिया से बात करते हुए खुद बताया की संसद संसद है जब मैं समाचार पत्रों में हताश और निराश लोगों की टिप्पणी पढ़ता हूं तो मुझे लगता है कि मैं विपक्ष का हूं परंतु सुबह-सुबह जब भगवान का नाम लेने के बाद यहां बैठता हूं लोगों की पीड़ा सुनकर के उनकी मदद करता हूं तो मुझे महसूस नहीं होता कि मैं सत्ता पक्ष में हूं या विपक्ष में हूं और मेरा अनुभव है कि अगर हम सही बात कहेंगे ईमानदारी से कहेंगे तो सबके समाधान भी होते हैं नहीं तो एक साल वह मेरे पास नहीं आते उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि कोई भी हो अगर वह अपने दायित्वों का निर्वाह करता है । और उसे संवैधानिक तरीके से करें तो उसे कोई दिक्कत नहीं होती इतना जरूर है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के तबादले की बात होती है और हम उसे पढ़ते ही नहीं कोई ट्रांसफर के लिए अगर आता है तो हम हाथ जोड़ लेते हैं। विकास कार्य को लेकर उन्होंने बताया कि 1 साल में संसद की 5 करोड़ की निधि आती है जिसमें 4 करोड़ खर्च करने की जिसमें एक करोड़ टैक्स की थी वह हमने 100% रिकमेंड किया है सांसद निधि में हम केवल रिकमेंड कर सकते हैं एक दिशा निर्देशिका है उसका अनुपालन करते हुए जिलाधिकारी उसको रिलीज करते हैं पहले प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करते हैं फिर वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हैं तब जाकर वह रिलीज होती है और वही काम करते हैं काम चल रहा है हमें कोई दिक्कत नहीं है कितना जरूर है कि कुछ हमारी निधि की फाइलें रुकी हुई है उनमें कुछ खामियां रही होगी मगर दुर्ग रहस्य नहीं है वैसे रुकी हुई फ़ाइल है 20 30 फाइल है। 1 साल में सबसे बड़ा काम उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया मै उन सब समर्थकों का जिनके कंधों पर बैठकर मैं राजनीति सीखी और जिनकी उंगली पड़कर मैं राजनीति में चला जो कंधे से कंधा मिलाकर मेरे साथ रहे वह गरीब लोग जिन्होंने संगीनों के साए में मेरी वोट डाली मैंने उनका विश्वास जीता उनका सम्मान बचाया वह मेरा सबसे बड़ा काम है मेरा समर्थन चाहे वह पत्थर तोड़ता हो चाहे वह रिक्शा चलाता हो चाहे एक में छोलता हो या एक खोदता हो चाहे कामगार हो चाहे कमलगर हो या दुकानदार हो कोई समझता है कि हरेंद्र मलिक ही एमपी नहीं मैं एमपी हूं वह जब चाहता है मुझे जब पकड़ लेता है ऐसी उसकी संतुष्टि है मेरा सबसे सुखद अनुभव है। उन्होंने कहा कि जो हमने वादे किए थे वह हमने पूरा किए हैं जो हमने कहा था कि आम आदमी का सम्मान बचा कर रखेंगे वह हमने बचाया है
BYTE – हरेंद्र मलिक (सांसद मुजफ्फरनगर समाजवादी पार्टी)