प्रयागराज। पिछले तीन साल से फरार 50 हजार रुपये के इनामी डकैत समीर को स्पेशल टास्क फोर्स ने दबोच लिया है। वह मुंबई में फरारी काटने के बाद बकरीद मनाने के लिए घर जा रहा था। तभी एसटीएफ ने कर्नलगंज इलाके में घेरेबंदी करके गिरफ्तार कर लिया। डकैत समीर प्रतापगढ़ के कोहड़ौर, सुम्हा तिवारीपुर खुर्द गांव का रहने वाला है। वह कर्नलगंज और सोरांव थाने में दर्ज तीन मुकदमे में वांछित था।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेश प्रताप सिंह ने बताया कि समीर का एक संगठित गिरोह है, जो डकैती, लूट और चोरी करता है। गिरोह का सरगना शहनशाह है, जो समीर के ही गांव का रहने वाला है। वह समीर, वासिद अली, शेबू, मो. सलीम और शक्ति सिंह के साथ मिलकर काम करता था। अगस्त 2022 को समीर के घर पर शहनशाह आया था।
उसने कहा कि मनमोहन पार्क चौराहा कटरा में एक सरिया की दुकान है। वहां से करीब दो से ढाई करोड़ रुपये मिल जाएंगे। फिर घटना को अंजाम देने के लिए दुकान की रेकी की गई। इसके बाद गैंग के सदस्यों ने दुकान पहुंचकर रेट पूछा और दुकानदार प्रियंक कुमार गुप्ता, उसके भतीजे मनी गुप्ता से असलहे के बल पर छह लाख रुपये लूटकर फरार हो गए थे।
समीर और शेबू ने बाइक चोरी करके नंबर प्लेट बदल दिया था। इस घटना के बाद शेबू और वासिद ने सोरांव स्थित एचपी पेट्रोप पंप के कैशियर से लूट किया था। फिर सभी लोग प्रतापगढ़ पहुंचकर पैसा आपस में बांट लिया था।
गिरोह का सरगना समेत अन्य आरोपित गिरफ्तार पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे। मगर समीर फरार था, जिस पर इनाम घोषित किया गया था। उसके बारे में पता चलने पर एसटीएफ इंस्पेक्टर जय प्रकाश राय के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल साजित अली, अजय सिंह यादव, किशनचन्द्र, सोनू यादव, प्रभंजन पांडेय और रविकांत की टीम को लगाया था। इस टीम ने मंगलवार सुबह कर्नलगंज क्षेत्र से वांटेड समीर की गिरफ्तारी करते हुए थाने में दाखिल किया।
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