बहराइच। हरदी इलाके के गढ़ीपुरवा में सोमवार रात घर के बरामदे में मां की गोद में सो रहे दो वर्षीय मासूम को जंगली जानवर उठा ले गया।मंगलवार की सुबह घर से एक किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में बालक का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ।
ग्रामीण भेड़िए द्वारा बच्चे को उठा ले जाने की बात कह रहे हैं। सूचना पाकर डीएफओ अजीत प्रताप सिंह, तहसीलदार विकास कुमार नायब तहसीलदार राजेश श्रीवास्तव रेंजर मोहम्मद शाकिब मौके पर पहुंचे।घटनास्थल के आसपास मिले पग सियार के चिह्नों को देखने के बाद डीएफओ ने भेड़िए के हमले से इनकार किया है।
फखरपुर इलाके के कोठवल कला गांव निवासी प्रमोद का दो वर्षीय बेटा आयुष 15 दिन पूर्व अपनी मां खुशबू के साथ हरदी इलाके के गढ़ीपुरवा स्थित अपने मामा अमृतलाल पाल के यहां आया था।
फखरपुर इलाके के कोठवल कला गांव निवासी प्रमोद का दो वर्षीय बेटा आयुष 15 दिन पूर्व अपनी मां खुशबू के साथ हरदी इलाके के गढ़ीपुरवा स्थित अपने मामा अमृतलाल पाल के यहां आया था।
आयुष अपनी मां के साथ बरामदे में सो रहा था। मां खुशबू ने बताया कि देर अज्ञात जानवर दबे पांव आया और बेटे को जबड़े में दबोचकर भागा चीख सुनकर मां के साथ परिजन भी उसके पीछे दौड़े, लेकिन वह बालक को लेकर गन्ने के खेत की ओर भाग निकला।
पूरी रात ग्रामीणों ने खेतों को खंगाला, लेकिन कोई पता नहीं चल सका। सुबह घर से एक किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में बालक का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ। उसका बायां पैर व दोनों हाथ गायब मिले।
गांव निवासी राम करन, छबिलाल, मिश्रीलाल ने बताया कि जब लोग बालक को ढूंढते गन्ने के खेत में पहुंचे भेड़िए की शक्ल के तीन जानवर शव के पास बैठे निवाला बना रहे थे। भीड़ देखकर वह भाग गए।
शुरू हुई कांबिंग, ड्रोन से मूवमेंट की पड़ताल
घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने पहुंच कांबिंग शुरू की। ड्रोन कैमरे से हमलावर जानवर की मूवमेंट की पड़ताल शुरू की। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि वन कर्मियों की टीम लगाकर कांबिंग की जा रही है। पग चिह्न संकलित किए जा रहे हैं। घटनास्थल के आसपास सियार के पग चिन्ह मिले है। ड्रोन कैमरे में भी सियार दिखाई पड़े हैं।
परिजन का रो रोकर बुरा हाल
मासूम को निवाला बनाए जाने के बाद परिजन का रो रोकर बुरा हाल है। बेटे के शव को देख मां दहाड़े मारकर रोने लगी। मां खुशबू ने कहा कि उसका दो वर्षीय बेटा आयुष और 10 माह की बेटी नेहा उसके पास लेटी थी। गोद से कलेजे के टुकड़े को उठा ले गया और वह उसे बचा नहीं पाई। बालक के क्षत-विक्षत शव को देख लोगों की आंखें भर आई।
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गांव निवासी राम करन, छबिलाल, मिश्रीलाल ने बताया कि जब लोग बालक को ढूंढते गन्ने के खेत में पहुंचे भेड़िए की शक्ल के तीन जानवर शव के पास बैठे निवाला बना रहे थे। भीड़ देखकर वह भाग गए।
शुरू हुई कांबिंग, ड्रोन से मूवमेंट की पड़ताल
घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने पहुंच कांबिंग शुरू की। ड्रोन कैमरे से हमलावर जानवर की मूवमेंट की पड़ताल शुरू की। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि वन कर्मियों की टीम लगाकर कांबिंग की जा रही है। पग चिह्न संकलित किए जा रहे हैं। घटनास्थल के आसपास सियार के पग चिन्ह मिले है। ड्रोन कैमरे में भी सियार दिखाई पड़े हैं।
परिजन का रो रोकर बुरा हाल
मासूम को निवाला बनाए जाने के बाद परिजन का रो रोकर बुरा हाल है। बेटे के शव को देख मां दहाड़े मारकर रोने लगी। मां खुशबू ने कहा कि उसका दो वर्षीय बेटा आयुष और 10 माह की बेटी नेहा उसके पास लेटी थी। गोद से कलेजे के टुकड़े को उठा ले गया और वह उसे बचा नहीं पाई। बालक के क्षत-विक्षत शव को देख लोगों की आंखें भर आई।