देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में वृद्धा पर पिटबुल के हमले के बाद शहर में बेरोकटोक पल रहे खतरनाक प्रजाति के कुत्तों को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं। नगर निगम देहरादून में दर्ज पालतू कुत्तों के पंजीकरण पर नजर डालें तो शहर में देशी-विदेशी प्रजाति के छह हजार से अधिक कुत्ते लोगों ने पाल रखे हैं। इनमें 4,097 खतरनाक प्रजाति के हैं।
दून शहर में पंजीकृत कुत्ते
- प्रजाति, संख्या
- पिटबुल, 98
- जर्मन शेफर्ड, 656
- लेब्राडोर, 735
- मिक्स, 860
- गोल्डन रोटवेयर, 261
- पामेरेनियन, 334
- भोटिया, 346
- बीगल, 155
- राटविलर, 148
- पग, 145
- हस्की, 74
- डेसहंड, 66
- काकर स्पेनियल, 48
- डालमेटियन, 12
- तिब्बतन मसटिफ, 18
- डाबरमैन, 22
- ल्यासा एप्सो, 84
- बाक्सर, 22
- चाऊ-चाऊ, 13
शिकायत पर होती है निगरानी
नगर निगम देहरादून के पशु चिकित्सा अनुभाग के नोडल अधिकारी उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि अगर कोई कुत्ता खतरनाक हो जाता है और लोगों को काटने लगता है तो उसकी निगरानी का प्रविधान है। शर्त यह है कि इस सबंध में निगम को शिकायत दी जानी चाहिए।
45,400 कुत्तों का हो चुका बंध्याकरण
देहरादून शहर में कुत्तों का आतंक रोकने को नगर निगम ने वर्ष 2016 में एनीमन बर्थ कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की थी। यहां निराश्रित कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए उनका बंध्याकरण किया जाता है। अब तक दून में 45,400 कुत्तों का बंध्याकरण किया जा चुका है।
चोरी-छिपे बाहर से ला रहे खतरनाक प्रजाति के कुत्ते
पिछले वर्ष मार्च में केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार 23 प्रजाति के खतरनाक कुत्तों के प्रजनन व बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद दून में इनकी खुलेआम बिक्री भले नहीं हो रही, लेकिन चोरी-छिपे लोग बाहर से इन कुत्तों को लाकर यहां पाल रहे हैं। इनमें रोटविलर, पिटबुल, अमेरिकन बुली जैसी प्रजाति के कुत्ते शामिल हैं।
पालतू कुत्ते के काटने पर सजा का प्रविधान
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि यदि किसी का पालतू कुत्ता किसी इंसान को काट लेता है तो भारतीय न्याय संहिता की धारा-291 के तहत मालिक को छह महीने तक कैद का प्रविधान है। इसके अलावा इसमें पांच हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान भी है। पालतू कुत्ते के काटने पर किसी की मौत होने पर गैर-इरादतन हत्या के अंतर्गत मामला दर्ज किए जाने का प्रविधान है।
तापमान में परिवर्तन भी हमले का कारण
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. डीसी तिवारी ने बताया कि ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों के कुत्तों को जब गर्म तापमान वाले क्षेत्रों में पाला जाता है तो उनके व्यवहार में परिवर्तन आता है। इस स्थिति में कुत्ते खतरनाक होने लगते हैं। यही कारण है कि पालतू कुत्ते भी जानलेवा हमला करने लगते हैं। डा. तिवारी ने बताया कि गर्मियों में वैसे भी कुत्तों का व्यवहार आक्रामक हो जाता है। शरीर पर अधिक बाल वाले कुत्तों को गर्मी में असहज महसूस होता है, ऐसे में वह आसपास मौजूद लोगों पर हमला भी कर सकता है।
कुत्ता पालने को ये नियम मानना जरूरी
- नगर निकाय में पंजीकरण और हर वर्ष उसका नवीनीकरण कराना होता है
- हर छह माह के अंतराल में कुत्ते का टीकाकरण कराना
- बाहर घुमाने ले जाने के दौरान कुत्ते के गले में मजबूत पट्टा व चेन होनी चाहिए
- खतरनाक प्रजाति के कुत्ते को बाहर घुमाने ले जाने के दौरान मुंह पर जाल हो
- कुत्ते को ले जाना वाला व्यक्ति इतना सक्षम हो कि उसे ठीक से संभाल सके