कश्मीर के पहलगाम में गैर मुस्लिम पर्यटकों पर आतंकी हमला ने साबित कर दिया है कि आतंकवाद का मज़हब होता है-अशोक बालियान,चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन

भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक स्थल पर दिनांक 22-04-2025 को बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश है।आतंकियों ने पर्यटकों के एक ग्रुप को उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत की आशंका है “हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमले के वक्त आतंकियों ने स्थानीय पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, इसलिए शुरुआत में किसी भी पर्यटक को उन पर शक नहीं हुआ, लेकिन थोड़ी देर बाद ही, जब उन्होंने हिंदू पर्यटकों की पहचान पूछ कर उन पर फायरिंग शुरू कर दी,तब पर्यटकों को अहसास हुआ कि ये आतंकवादी हमला है। पहलगाम हमलें की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर समर्थित आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है।


यह भी जानकारी में आया है कि जिन पर्यटकों की उनके परिजनों के सामने बर्बर हत्या की गयी, उनकी पैंट उतरवा कर आतंकवादियों ने ये तय किया कि वो मुस्लिम है या गैर मुस्लिम (क़ाफ़िर या हिन्दू) है। पर्यटकों के हाथों में कलावा देख कर और उनके वस्त्र उतारकर धर्म देखने के बाद गोली मारने वाले आतंकियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद का मज़हब होता है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी अपनी सऊदी यात्रा बीच में ही छोड़कर भारत आ गए है, जहाँ वे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में हिस्सा लेंगे।गृह मंत्री अमित शाह पहलगाम के लिए रवाना हो गए हैं।आतंक को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए आतंकी संगठनों का सफाया करना व् उनको मदद करने वाली सरकार को सबक सिखाना व् उनके स्थानीय मददगारों को समाप्त करना अति आवश्यक हैं।
दुनिया में इस्लामिक कट्टरपंथियों के सोच के अनुसार इस्लाम धर्म की नींव के भीतर हिंसा एक बुनियादी तत्व के रूप में मौजूद है। इस्लामी आतंकवाद द्वारा उत्पन्न खतरे का सटीक आकलन करने के लिए इस निष्कर्ष पर विचार किया जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक एक धर्म के लोगों पर किया गया हमला इस्लामिक आतंकवाद का एक तय शुद्धा रूप है,जिसका धार्मिक आधार: कुरान और उसकी व्याख्याएँ है। इजराइल हो या भारत का जम्मू-कश्मीर हो, इस्लामिक आतंकवादी हमला एक जैसा ही है, एक ही कारण है गैर मुस्लिमों के विरुद्ध जिहाद करना और इसी गैर मुस्लिमों के विरुद्ध जिहाद करने के कारण से इस्लामिक आतंकवाद दुनियाँ भर में आतंकवाद का पर्याय बना हुआ है।
अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद इस्लामिक आतंकवाद अमेरिकी और पश्चिमी जागरूकता के केंद्र में आ गया था और तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने “आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध” शुरू किया था। लेकिन यह बढ़ता ही जा रहा है। इस्लामिक जिहाद को हर आतंकवादी अल्लाह का आदेश मानते है जैसे इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी “अबू बकर अल-बगदादी” ने लोगों को जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा था कि “जिहाद वह मिशन है, जिसका आदेश अल्लाह ने दिया है।”
7 अक्टूबर, 2023 को, हमास ने फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद सहित कई अन्य समूहों के साथ गठबंधन करके इजरायल पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया था, जिसमें 1,200 इजरायली मारे गए थे और 240 से अधिक बंधक बनाए गए थे। इसके बाद इजराइल ने इन आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध युद्ध शुरू किया और इस युद्ध में जहाँ फिलिस्तीन में वहां की जनता को इन आतंकवादी संगठनों के कारण जान-मॉल का काफी नुकसान उठाना पड़ा, वहीँ इजराइल हमास,हिजबुल्लाह व् हुती जैसे आतंकवादी संगठनों की क्षमताओं को कम कर दिया है और इनके सभी बड़े नेताओं को मार गिराया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घटित आतंकी हमला नृशंसता, कायरता और अमानवीयता की पराकाष्ठा है। इस जघन्य कृत्य में जान गंवाने वाले निर्दोष पर्यटकों को हम अपनी तरफ से भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते है। और ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र आरोग्यता प्रदान करें।

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