प्रयागराज। प्रसिद्ध का पूरा में किराये के मकान में रहने वाले 20 वर्षीय वैभव सिंह ने रविवार देर रात फंदे से लटककर जान दे दी। सोमवार सुबह उसके पिता संतोष कुमार सिंह ड्यूटी से लौटे तो घटना का पता चला।
फाफामऊ पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें तमाम बातों के साथ ही ‘अगले जन्म में आपका बेटा बनना चाहता हूं…’ लिखा था।

सुसाइड नोट में लिखी बातें

‘सॉरी मम्मी-पापा। मैंने अपनी तरफ से बहुत मेहनत किया, लेकिन मेरा रिजल्ट कभी भी सही नहीं आया। मम्मी-पापा आप मुझे बेहतर बेटा मानते हैं। मैं हर चीज में फेल हुआ। अपने मम्मी-पापा को खुश भी नहीं रख पाया कभी। मम्मी-पापा आप अपना ख्याल रखना और भईया आप भी। मैं अब इस दुनिया से बहुत दूर जा रहा हूं। अगले जन्म में भी मैं आपका ही बेटा बनना चाहता हूं। मैं हार गया मम्मी-पापा, मैं हार गया। मुझे माफ कर दीजिएगा मम्मी पापा। भाई मैं तो जा रहा हूं सबसे दूर, लेकिन भाई आप कभी मम्मी-पापा से दूर मत होना और मम्मी पापा का ख्याल रखना।’

युवक के पिता हैं रेलवे स्टेशन मास्टर

भदोही जिले के रहने वाले संतोष कुमार सिंह लालगोपालगंज रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर हैं। वह प्रसिद्ध का पूरा में किराये के मकान में रहते हैं। उनके साथ बड़ा पुत्र वैभव सिंह भी रहता था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। रविवार शाम संतोष सिंह ड्यूटी पर चले गए। कमरे में वैभव अकेला था।

सोमवार सुबह पड़ोसियों ने वैभव को आवाज दी, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। दरवाजे पर दस्तक देने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। खिड़की से भीतर झांका तो कमरे में वैभव की फंदे से लाश लटकती देख सभी हतप्रभ रह गए। कुछ ही देर में फाफामऊ पुलिस आ गई। संतोष सिंह भी सूचना पाकर पहुंचे। कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा कि बहुत मेहनत किया, लेकिन परिणाम कभी भी सही नहीं आया।

पुलिस मामले की जांच में जुटी

फाफामऊ थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया गया है। इसकी गहनता से जांच की जा रही है। वैभव की मां कुसुम व छोटा भाई रितेश गांव में ही रहते हैं। पिता कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। सुसाइड नोट में लिखी गई बातों से पता चलता है कि वह सफल नहीं हो पा रहा था, जिस कारण संभवत: उसने खुदकुशी की है।

फाफामऊ थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया गया है। इसकी गहनता से जांच की जा रही है। वैभव की मां कुसुम व छोटा भाई रितेश गांव में ही रहते हैं। पिता कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। सुसाइड नोट में लिखी गई बातों से पता चलता है कि वह सफल नहीं हो पा रहा था, जिस कारण संभवत: उसने खुदकुशी की है।

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