पुलिस ने दोनों को भेजा 19 मार्च को जेल
19 मार्च को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में अचानक मुस्कान की तबीयत खराब रहने लगी। पांच अप्रैल को मुस्कान को उल्टी व चक्कर की शिकायत के बाद जेल प्रशासन ने सीएमओ को पत्र लिखकर स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ की मांग की। सात अप्रैल को महिला चिकित्सक ने मुस्कान का जेल के भीतर ही चेकअप किया। महिला डाक्टर ने मुस्कान का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा।
छह सप्ताह की गर्भवती होने की हुई पुष्टि
11 अप्रैल को जेल से कड़ी सुरक्षा में मुस्कान को लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उसके चार से छह सप्ताह का गर्भ होने की पुष्टि हुई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के बाद गर्भवती महिलाओं की डाइट निर्धारित कर दी गई। खाने में कुछ फल के अलावा आयरन व प्रोटीन वाली डाइट मिलनी शुरू हो गई है। कैल्शियम, विटामिन डी, पोटैशियम की कमी न हो, इसका खास ध्यान रखा जा रहा है। हर सप्ताह महिला डाक्टर दोनों का हाल जानने जेल आएंगी। जेल मैन्युअल में शामिल डाइट को फॉलो कराया जा रहा है।
डीएनए टेस्ट के बाद देखेंगे
सौरभ के परिवार ने कहा कि डीएनए टेस्ट के बाद ही बच्चे को स्वीकार करेंगे। वह भी तब, जब बच्चा सौरभ का होगा। हालांकि, वह मुस्कान की गर्भ में पल रहे बच्चे को उसके प्रेमी साहिल का मान रहे हैं, जबकि मुस्कान के मम्मी-पापा ने कह दिया कि वह उनके लिए मर चुकी है। उन्हें मुस्कान के बच्चे की जरूरत नहीं है। सिर्फ मुस्कान की बेटी पीहू का पालन पोषण अपने बच्चे की तरह करेंगे।