किरतपुर। बजरंग दल के जिला गोरक्षा प्रमुख की हत्या पिता, सौतेली मां और भाई ने की थी। सौतेले भाई ने रात में खाने में नशीली गोलियां दी और फिर आधी रात को फरसे से उसकी गर्दन काट दी। मोंटी अपने हिस्से की जमीन गोशाला में दान करना चाहता था। तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
गांव गोविंदपुर निवासी बजरंग दल के जिला गोरक्षा प्रमुख सतेंद्र उर्फ मोंटी बजरंगी की रविवार रात घर में सोते हुए हत्या कर दी गई थी। मृतक के मामा भागेंद्र की तहरीर पर मोंटी के पिता बलराज, सौतेली मां मधु, सौतेला भाई मानव उर्फ बंटू, बहन शालू और बहनोई अजय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने मां-बाप और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस ने मंगलवार को हत्याकांड का राजफाश कर दिया।

बलराज के नाम थी 20 बीघा जमीन

कोतवाल राकेश कुमार ने बताया कि बलराज के नाम 20 बीघा जमीन है। मोंटी के हिस्से में दस बीघा जमीन थी। मोंटी अपने हिस्से की जमीन अपने नाम कराने की जिद कर रहा था। आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह उक्त जमीन को गोशाला को दान करना चाहता था। वहीं मानव उससे रंजिश भी रखता था। इसलिए मानव ने हत्या का प्लान बनाया।

राजमे की सब्जी में मिला दी नशीली गोली

हत्याकांड में पिता बलराज और मां मधु को भी शामिल किया। रात दस बजे मानव ने मोंटी बजरंगी के लिए दी राजमे की सब्जी में नशीली गोली मिला दी थी। रात साढ़े बारह बजे जब वह बेहोशी की हालत में था। उसी समय मानव ने फरसे से मोंटी की गर्दन काटकर हत्या कर दी। सुबह माता-पिता ने नशे की गोलियां खा लीं जिससे पुलिस को गुमराह किया जा सके। पुलिस ने हत्यारोपित मानव की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त फरसा, नशे की गोलियों का रैपर बरामद कर लिया है।

एएसपी सिटी संजीव बाजपेयी ने बताया कि विवेचना की जा रही है। अन्य आरोपितों की भूमिका सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

हत्या के बाद गुलदार का हमला साबित करने की थी साजिश

पिता, सौतेली भाई और मां ने मोंटी बजरंगी की हत्या के लिए पहले ही साजिश रच रखी थी। उनकी योजना थी कि हत्या के बाद गुलदार के हमले का शोर मचाना है। पुलिस और ग्रामीणों को लगे कि गुलदार ने ही मोंटी को मारा है। इसको लेकर पहले ही तैयारी कर ली थी। बात को पुष्ट कराने के लिए दो दिन पहले आरोपितों ने शोर मचाया था कि मुहल्ले से गुलदार एक कुत्ते को उठाकर ले गया है। लेकिन, जांच में सच्चाई खुलती चली गई।

मेडिकल स्टोरों पर बिक रही है नशीली गोलियां

दो घटनाओं में नशीली गोलियां इस्तेमाल हुई है। इससे पता चलता है कि डाक्टर की अनुमति के बिना नशे की गोलियां मेडिकल स्टोरों पर धड़लले से बिक रही है। जिम्मेदार अधिकारी भी मेडिकल स्टोरों पर रोकथाम नहीं लगा पा रही है।

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