लोधा/अलीगढ़। बांग्लादेश से 500 के नकली नोट लाकर भारत में खपत करने वाले गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को थाना रोरावर व क्रिमिनल इंटेलीजेंस विंग नगर की संयुक्त टीम ने पकड़ा है। ये लोग असली नोट दिखाकर नकली नोटों को चलाते थे। इनमें दो कासंगज और एक अलीगढ़ का रहने वाला है।
इनके पास से व 29 हजार रुपये के असली नोट बरामद हुए हैं। भारतीय करेंसी लिखे 77 हजार रुपये के नकली नोट व 29 हजार रुपये के असली नोट बरामद हुए हैं। इनमें 154 नोट नकली और 58 असली हैं। गवर्नर के लिखे नाम से नकली नोटों की पहचान हुई, इन्हें लैब जांच के लिए भेजा गया है।
रोरावर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर शिवशंकर गुप्ता ने बताया कि शनिवार रात गोंडा रोड पर चेकिंग अभियान के दौरान मुखबिर से सूचना मिली थी। गौंडा की ओर आती एक स्कूटी में तीन सवार दिखे तो उन्हें रोकने के लिए इशारा किया। इतने में वे लोग भागने लगे। पीछा कर उन्हें गौंडा रोड स्थित हाइवे पुल पर पकड़ लिया गया। इनमें कासगंज के गंजडुंडवारा के गनेशपुर का जिकरुल हसन व बारिक और अलीगढ़ के रोरावर के मस्जिद गोंडा रोड शाहजमाल का नाजिम था।

तलाशी में मिले नकली और असली नोट

पुलिस की तलाशी में उनके पास 77 हजार रुपये राशि के नकली नोट (500 के 154 नकली नोट), 29 हजार रुपये (500 के 58 असली नोट), स्कूटी, पांच मोबाइल फोन, एक रोलेक्स घड़ी, पैन व आधार कार्ड बरामद किए गए।आरोपियों के पास से महंगी कीमत के पांच मोबाइल फोन व एक रोलेक्स घड़ी बरामद हुई है।

बांग्लादेश से आते थे नोट

पुलिस के अनुसार जिकरुल का बांग्लादेश के जलाल नाम के व्यक्ति से संपर्क हुआ। वो वेस्ट बंगाल के मालदा में उसे आधे दाम में नोट देता था। इसके बाद दिल्ली होते हुए यहां आता था। यहां दुकानों पर खरीदारी के दौरान एक असली नोट लगाकर लोगों को झांसा देकर धोखाधड़ी करते थे। ये नोट असली से इतने मिलते-जुलते थे, कि पहचान पाना मुश्किल था। नोट भी एक ही सीरीज के थे। गिरोह के तार कहां जुड़े हैं, इसकी जांच में पुलिस जुटी है। तीनों को जेल भेज दिया गया है।

हस्ताक्षर वर्तमान गवर्नर के और नाम पूर्व गवर्नर का

बिना एक्सपर्ट या बैंक के बांग्लादेश से आए 500 के इन नकली नोटों को देखने और छूने भर से उनकी असली पहचान कर पाना आसान नहीं है। बनाने वाले ने गवर्नर का हस्ताक्षर तो चुरा लिया, लेकिन नाम गलत लिख दिया। एसएचओ शिवशंकर गुप्ता ने बताया नकली नोटों पर वर्तमान आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास के हस्ताक्षर थे, जबकि बहुत ही बारीकी शब्दों में पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल का नाम लिखा था। असली नोटों से नकली नोट कागज भी ज्यादा अलग नहीं था। कई नोटों पर एक ही नंबर लिखे थे।

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