महाकुंभ नगर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार रात महाकुंभ में फंसे लोगों को राहत देने के लिए व्यवस्था संबंधित सुझाव प्रदेश सरकार को दिए गए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि भोजन-पानी के लिए जगह-जगह दिन-रात ढाबे खोलने और भंडारों के आयोजन की अपील की जाए।

उन्‍होंने कहा, प्रदेश भर से मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ को स्वयंसेवी लोगों के दोपहिया वाहनों के माध्यम से दूरस्थ इलाकों में फंसे लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। महाकुंभ के आसपास और प्रदेश भर में मीलों तक फंसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। दवाई की दुकानों को दिन-रात खोलने की अनुमति दी जाए। सर्दी से बचने के लिए लोगों को कपड़े और कंबल उपलब्ध कराया जाए।

पूछा- पीड़ितों की मदद करने से सरकार क्‍यों हट रही पीछे?

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जहां हजारों करोड़ों रुपये प्रचार पर और दुर्घटना की खबरें दबाने के लिए बहाए जा रहे हैं, वहां पीड़ितों के लिए कुछ करोड़ खर्च करने से सरकार पीछे क्यों हट रही है?

महाकुंभ हादसे पर भी अखिलेश यादव ने जताया था दुख

बता दें, महाकुंभ में मची भगदड़ के कारण हुए हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के प्रति तीनों विपक्षी पाटियों, बसपा, सपा और कांग्रेस ने दुख जताया था। सपा और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा सरकार को घेरा था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रयागराज की संगम स्थली महाकुंभ में हुई भगदड़ से श्रद्धालुओं के जान गंवाने और घायल होने की घटना अति-दुःखद व चिंतनीय है। ऐसे समय में कुदरत पीड़ितों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यहीं कामना है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। विश्वस्तरीय व्यवस्था का प्रचार करने वालों के दावों की सच्चाई अब सबके सामने आ गयी है। जो लोग भी मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।

उन्‍होंने कहा था, ”हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस की मदद से निकटतम अच्छे अस्पतालों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हेलीकॉप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। श्रद्धालुओं से भी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे।”

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