छह माह पूर्व गांव के ही दबंग राजवीर सिंह यादव और सुखवीर ने मुकेश की जमीन पर कब्जा कर लिया। जब उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल मोती सिंह से शिकायत की तो लेखपाल ने दबंगों से मिलीभगत करके उनकी ढाई बीघा जमीन पर खड़ी फसल को ही जुतवा दिया और किसान को उक्त भूमि पर दोबारा फसल बोने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
पीड़ि किसान मंडलायुक्त आगरा से भी कर चुका शिकायत
तब से लगातार पीड़ित किसान द्वारा तहसीलदार, एसडीएम घिरोर, डीएम और मंडलायुक्त आगरा से शिकायत कर जमीन कब्जा मुक्त कराने की मांग की गई। लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया। 15 दिसंबर को जब मुकेश खेत पर खंभा गाड़ने पहुंचे तो उक्त दबंगों ने उन्हें और उनकी पत्नी को मारपीट कर घायल कर दिया। जब वह थाने में शिकायत करने गए तो पुलिस ने भी कोई सुनवाई नहीं की।
कलेक्ट्रेट में बोतल लेकर पहुंच गया किसान
इसी शिकायत को लेकर मंगलवार 11 बजे मुकेश कुमार शर्मा कलेक्ट्रेट पर बोतल में डीजल लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने डीएम कार्यालय के बोतल से डीजल निकालकर अपने ऊपर डाल लिया। ये देखते ही वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने दौड़कर बोतल छीन ली और किसान को जिला अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में किसान ने क्षेत्रीय लेखपाल पर रुपये लेकर उनकी जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया। घटना के बाद नायब तहसीलदार शौर्यवर्धन राठौर भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने किसान से मामले की जानकारी ली।
चर्चा में रहा था मां और बेटी का मामला
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व मां और बेटी ने कब्जे की शिकायत की थी। किशनी तहसील में जिले स्तर के संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम अंजनी कुमार सिंह और एसपी विनोद कुमार समेत अन्य जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ शिकायत सुन रहे थे। किशनी के गांव बहरामऊ की विधवा राधा बेटी दिव्या के साथ पहुंची। डीएम को शिकायती प्रार्थना देकर राधा ने बताया कि उसके नाम 20 बीघा खेत है।
डेढ़ बीघा पर पड़ोसी खेत वालों ने कब्जा कर लिया। एसडीएम और राजस्व विभाग के अधिकारी बोलने लगे तो राधा ने जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया। कहने लगी कि वह चार साल से चक्कर काट रही है। सब घूसखोर हैं। यह सुनते ही डीएम भड़क गए। महिला और बेटी को फटकारते हुए जेल भेजने का आदेश दे दिया। पुलिस दोनों को थाने ले गई। मामला तूल पकड़ने पर शांतिभंग की धाराओं में चालान कर तीन घंटे बाद जमानत दे दी गई।