गुरुवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना
बहरहाल गुरुवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। जिसका अधिक असर शनिवार को देखने को मिल सकता है। इस बीच सूखी ठंड बरकरार रहेगी। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 19 व न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 80 व न्यूनतम 50 प्रतिशत दर्ज की गई।
कड़ाके की ठंड से वन्य जीव भी बेहाल
नैनीताल। शहर में पड़ रही कड़ाके की ठंड से इंसानों के साथ ही जानवर भी बेहाल है। ऐसे में चिड़ियाघर में मौजूद प्राणि भी ठंड के असर से अछूते नहीं है। चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से प्राणियों को ठंड से बचाने के लिए ब्लोअर व हीटर का सहारा लिया जा रहा है। खाने में गर्म तासीर का भोजन बढ़ाकर जीवों को राहत दी जा रही है। साथ ही पक्षियों के बाड़ों को तिरपाल से ढका जा रहा है।
बता दें कि शहर का गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान पर्यटकों की पहली पसंद है। जहां 30 प्रजातियों के 211 वन्य जीव संरक्षित किये गए है। शहर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिसका असर वन्य जीवों पर भी पड़ रहा है। जिससे बचाव को चिड़ियाघर प्रबंधन ने जीवों के खान-पान व रहन सहन के तरीकों में भी बदलाव किया है।
जू चिकित्सक डॉ. हिमांशु पांगती ने बताया कि शीतकाल में खान-पान में बदलाव किया जाता है। जिसमें गर्म तासीर का भोजन देने से जीव ठंड से राहत पाते है। भालू को शहर व गुड़ दिया जा रहा है। जबकि बाघ के भोजन में रोजाना दो व गुलदार को एक कच्चा अंडा दिया जा रहा है। पक्षियों के लिए बाड़ों में हीटर लगाने के साथ ही शाम को बाड़ों को तिरपाल से ढका जा रहा है। साथ ही उन्हें मल्टी विटामिन व प्रोटीन युक्त भोजन दिया जा रहा है। घुरल व काकड़, मारखोर के बाड़ों में हल्दू घास बिछाई जा रही है।
दिनभर धूप का आनंद ले रहे वन्य जीव
ठंड में चिड़ियाघर के बाड़ों में कैद वन्य जीव इन दिनों धूप का आंनद ले रहे है। दिनभर वन्य जीवों के बाहर रहने से उनके दीदार को पहुंच रहे पर्यटक भी बेहद रोमांचित है। रविवार को भालू, घुरल के साथ ही बाघ भी घंटो धूप में बैठा रहा। जिससे सैर पर पहुंचे पर्यटकों को आसानी से जीवों के दीदार हो सके।
गुड़ व अजवाइन से दूर हो रही घोड़ों की ठंड
शहर के बारापत्थर क्षेत्र में घुड़सवारी के लिए प्रयोग में लाये जा रहे घोड़ो को भी ठंड सता रही है। जिनको इन दिनाें गुड़, अजवाइन व सरसों का तेल खिलाकर राहत दी जा रही है। घोड़ा चालक समिति अध्यक्ष मोहम्मद उमर ने बताया कि हर घोड़े को रोजाना सौ ग्राम अजवाइन, 250 ग्राम सरसों का तेल व एक किलो गुड़ चने में मिलाकर खिलाया जा रहा है। रात को घोड़ों को कंबल से ढका जाता है। जनवरी से ठंड में बढ़ोतरी होने पर घोड़ों को रम भी पिलाई जाएगी।