मुरादाबाद। जाली नोट छापने का गैंग लीडर आदिल बाइक पर प्रेस लिखकर घूमता था। पिछले दो साल में वह फोटो क्लिक करने के बाद पत्रकारों को भेजने लगा था। उसने अपनी करतूत छिपाने के लिए लोगों को पत्रकार बताना भी शुरू कर दिया था। मोहल्ले में रौब गांठता था। उसने जाली करेंसी छापने के लिए घर से 500 मीटर की दूरी पर ही विधवा का मकान किराए पर ले लिया था। पुलिस ने ठिकाने पर दबिश दी तो वहां से पौने तीन लाख रुपये भी बरामद हुए। जाली करेंसी का पूरा नेटवर्क उसी घर से संचालित कर रहा था।

एक लाख रुपये की पुलिस वाले से हुई थी डील

जाली करेंसी को लेकर पुलिस को लगातार सूचनाएं मिल रहीं थी। तीन माह पहले से आदिल पुलिस के राडार पर था। पुलिस उसे रंगेहाथ दबोचना चाहती थी। इसके लिए पुलिस ने एक लाख रुपये की जाली करेंसी की डील फाइनल की थी। जिसे छापने के लिए वह रात-रातभर उसमें लगा रहता था। पुलिस की पूछताछ में उसने खुद को 10वीं पास बताया। 500 रुपये के नोट पर वह 100 रुपये का सामान लेता था। इसी तरह उसने और उसकी गैंग के साथियों ने तीन लाख रुपये बाजार में खपा दिए थे। मकान मालिक विधवा महिला को पत्नी की तरह रखता था।

मोहल्ले के लोगों में गांठता था रौब

जाली करेंसी गैंग का लीडर आदिल बहुत शातिर है। मुहल्ले के एक व्यक्ति कहना है कि लोग उसे घरों में फातिहा पढ़ने के लिए बुलाते थे। सभी की नजर में बहुत सीधा बनकर रहता था। रविवार को इंटरनेट मीडिया पर जैसे ही खबरें प्रसारित हुईं तो इसका फोटो देखकर हैरान रह गया। हर एक के मुंह से अनायास निकला कि यह तो फातिहा पढ़ने आता था। इतना खराब काम कैसे करने लगा। मुहल्ले के लोग भी बुरा-भला कहने लगे।

जयंतीपुर में पिछले साल भी पकड़ा गया है गैंग

मझोला के जयंतीपुर में वर्ष 2023 में भी जाली करेंसी बनाने वाला गैंग पकड़ा गया था। घनी आबादी वाला क्षेत्र होने की वजह से इस तरह के लोग किराए पर कमरा लेकर छपाई का काम शुरू कर देते हैं। मुहल्ले के लोगों को बताते हैं कि प्रिंटिंग प्रेस का काम हो रहा है। जिससे लोगों को भी शक नहीं होता है। पुलिस ने नफीस समेत तीन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनके पास से भी बड़ी मात्रा में जाली करेंसी बरामद हुई थी।

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