रोजाना डेढ़ लाख लोग कर रहे दर्शन
हालांकि इसके भूतल पर 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है और तबसे प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु अनवरत दर्शन-पूजन कर रहे हैं। करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों के स्वाभिमान के प्रतीक राम मंदिर के लिए किए गए लंबे आंदोलन व अदालती प्रक्रिया में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक डॉक्यूमेंट्री तैयार कराई है।
पांच एपिसोड की होगी डाक्यूमेंट्री
बीते दिनों इसका स्क्रिप्ट लिखने का काम पूरा हो चुका है और प्रूफरीडिंग भी कराई जा चुकी है। सूत्रों के अनुसार, डॉक्यूमेंट्री पांच एपिसोड की है और प्रत्येक एपिसोड लगभग 30 से 40 मिनट के हैं। यदि संपूर्ण एपिसोड प्रसारित किए गए तो यह लगभग दो से ढाई घंटे की होगी। इसमें राम मंदिर के लिए किए गए जमीनी संघर्ष के साथ अदालती लड़ाई भी प्रदर्शित की जाएगी।
बीते दिनों मंदिर निर्माण समिति की बैठक में प्रतिभाग करने आए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इसकी जानकारी भी दी थी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि प्रसारण की अनुमति के लिए दूरदर्शन प्रयासरत है। जल्द ही इसकी जानकारी मिल जाएगी।
राम मंदिर बनाने वाली एल एंड टी कंपनी को मिला सुरक्षा सम्मान
अयोध्या। अत्यंत कड़ी स्पर्धा में राम मंदिर का निर्माण सुरक्षा के मामले में उत्कृष्ट पाया गया है और हर मानक पर खरा उतरा है। इसी के दृष्टिगत ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल ने कार्यदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो को ””स्वार्ड आफ आनर”” और नेशनल सेफ्टी काउंसिल ने गोल्डन ट्राफी प्रदान की है। एजेंसी की तरफ से यह पुरस्कार परियाेजना निदेशक वीके मेहता ने प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण स्वयं में काफी चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन सजगता, सतर्कता व तकनीक के उपयोग से इसे सफल बनाया गया। अब तक के कार्य के दौरान कोई अनहोनी नहीं हुई। हजारों श्रमिक बड़ी-बड़ी मशीनों के बीच दिन-रात निर्माण में जुटे हैं। यह एजेंसी के लिए बड़ी उपलब्धि है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपतराय व सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र ने कार्यदायी एजेंसी को बधाई देते हुए उसके कार्य को सराहा है।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन के बीच निर्माण में निरंतरता सामान्य नहीं है। बताते चलें कि ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल निर्माण का स्थलीय निरीक्षण करती है। निर्माण की प्रक्रिया, स्थलीय क्रिया-कलाप, कार्य में प्रयोग की जा रहीं मशीनें, उनका संचालन, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, कार्यस्थल पर अनुशासन आदि बातों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाता है। इन सारे मानकों में पंच तारांकित उपलब्धि के उपरांत ही कोई निर्माण स्पर्धा में सम्मिलित हो पाता है।