देहरादून। प्रदेश सरकार वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्राप्त प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए अब चार नए क्षेत्रों को विभिन्न उद्योगों के लिए विकसित कर रही है। इनमें नैनीताल का पटवाडागर, देहरादून के चकराता में नगाऊ और टिहरी गढ़वाल में धनोल्टी व मागरा शामिल हैं। यहां लगभग 106 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।
राजधानी देहरादून में गत वर्ष हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान निवेशकों ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश में रुचि दिखाई थी। इस दौरान सेवा क्षेत्र में निवेश करने वालों ने पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि उपलब्ध कराने का सुझाव दिया था। इस क्रम में प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड को इन नए क्षेत्रों को चिह्नित करने को कहा।
नैनीताल में 23 एकड़ भूमि चिह्नित
इस कड़ी में अब चार स्थानों का चयन कर लिया गया है। नैनीताल के पटवाडागर को प्रीमियम रिजॉर्ट खोलने और कान्फ्रेंस व बैठकों के आयोजनों के लिए उपयुक्त पाया गया है। यहां 23 एकड़ भूमि इसके लिए चिह्नित की गई है। देहरादून के चकराता स्थिति नगाऊ को उच्च सेवा क्षेत्र के लिए उपयुक्त पाया गया है।
टिहरी में खुलेंगे होटल्स और रिजॉर्ट्स
यहां स्थित राजकीय उद्यान की 7 एकड़ जमीन इसके लिए चिह्नित की जा रही है। टिहरी गढ़वाल के धनोल्टी को भी उच्च सेवा क्षेत्र के उपयुक्त पाया गया है। यहां होटल व बड़े रिजॉर्ट खोले जा सकते हैं। यहां 2.5 एकड़ जमीन देखी गई है। इसके साथ ही टिहरी के ही मागरा में राजकीय उद्यान की 74 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।
सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक
यहां एम्यूजमेंट पार्क, कैंपिंग, हाईकिंग, प्रीमियम रिजार्ट व अन्य गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं। ये क्षेत्र विकसित कर निवेशकों को दिया जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड के अधिकारियों ने इस क्षेत्र में अभी तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।
आमजन को भी मिलेगा नवनिर्मित उत्तराखंड निवास में कमरा
देहरादून। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास को आमजन को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण की व्यवस्था को बदला जाए और दरों का भी पुनर्निर्धारण किया जाए। नई दिल्ली में प्रदेश सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड निवास का निर्माण किया है।
50 कक्षों वाले उत्तराखंड निवास में कक्ष उपलब्धता को लेकर शासन ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री से लेकर विधायक, मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर और न्यायाधीश को ही कक्ष मिलेगा। अपर सचिव से लेकर अन्य के लिए यहां रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
बदलाव करने का निर्देश
आदेश जारी होने के बाद इस पर असंतोष जताया गया। मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए इस व्यवस्था में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण के लिए जारी शासनादेश में संशोधन किया जाए। ऐसी व्यवस्था की जाए कि उपलब्धता के आधार पर आम जन को भी यहां कक्ष उपलब्ध हो सके।
इसके अलावा उन्होंने कक्ष से लेकर बैठकों के लिए तय दरों का पुनर्निर्धारण करने के भी निर्देश दिए हैं। इस क्रम में अब राज्य संपत्ति विभाग ने संशोधित प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे अनुमति को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया है।
" "" "" "" "" "