पिपरौली। अमटौरा गांव में मंगलवार को हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।शिवधनी साहनी के परिवार के प्रति लोग संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। एक ऐसा परिवार, जो कभी खुशियों से भरा हुआ था, अब टूट चुका है। गांव के लोग समझ नहीं पा रहे कि एक साधारण सा विवाद कैसे एक मासूम पिता की जान का कारण बन गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि यह घटना उनके लिए गहरी चोट बन गई है, जिसे भरना मुश्किल है।
शिवधनी साहनी अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए बाहर रहकर पेंट और पालिश का काम करते थे। जीवन की कठिन राह पर चलते हुए, उन्होंने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने और एक बेहतर भविष्य बनाने का सपना देखा था। उनकी चार संतानें थीं,दो बेटे अभिषेक और विकास, और दो बेटियां पूनम और सुमन।
बड़ी बेटी पूनम की शादी हो चुकी थी, और छोटी बेटी सुमन की शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। 22 नवंबर को सुमन की सगाई हुई थी और शादी की तारीख 13 मई 2025 तय हुई थी। सगाई के बाद परिवार के हर सदस्य की आंखों में चमक थी, लेकिन किसी को यह एहसास नहीं था कि उनकी खुशियां इतनी जल्दी छीन जाएंगी।

पीकलू के गुस्से ने छीन ली परिवार की खुशी

शशि शंकर सिंह उर्फ पीकलू और उसके परिवार को रास्ते में साइकिल व बाइक खड़ी होने की वजह असुविधा हो रही थी जिसकी वजह से विवाद हुआ। लेकिन यह विवाद इतना बढ़ा कि पीकलू ने अपने पिता की लाइसेंसी एक नाली बंदूक से शिवधनी साहनी को गोली मार दी।
उसके गुस्से ने एक पल में शिवधनी के परिवार की खुशी छीन ली।गोली के छर्रों से उनकी पत्नी हेमलता भी घायल हो गईं। आरोपितों ने इस त्रासदी के बाद पीड़ित परिवार की झोपड़ी में आग लगा दी, जिससे संपत्ति का भी नुकसान हुआ।

सुमन का रो-रोकर बुरा हाल

22 नवंबर को सुमन की सगाई बड़े धूमधाम से हुई थी, और परिवार के सभी सदस्य इसे एक नए जीवन की शुरुआत मान रहे थे। सुमन की आंखों में एक उज्जवल भविष्य की झलक थी, जिसमें उसके पिता उसकी शादी में शामिल होंगे और उसे आशीर्वाद देंगे। लेकिन किसी को क्या पता था कि उनका यह सपना इतना जल्दी चुराया जाएगा। मंगलवार की भोर में पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो रो-रोकर उसका बुरा हाल था।परिवार के लोग व रिश्तेदारों ने उसे संभाला,इस बीच कई बार बेसुध हो गई।

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