पूर्ववर्ती सरकारों के छल से छीना गया मछुआ समाज का अधिकार
प्रदेश की 200 विधानसभा से होकर निकलेगी यात्रा

मुज़फ्फरनगर = सोमवार को निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के तत्वावधान में निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा का आज तीसरे दिन जनपद मुज़फ़्फ़रनगर में पहुँची। यात्रा ने आज देवबंद से अम्बेहटा से डेहरा से ज़खवाला से ननहेड़ा से बूढ़ाखेड़ा से बड़ाबाँस से कसौली से चौकड़ा से मथुरा से रामलीला मैदान, चरथावल में आयोजित सभा को संबोधित किया, तत्पश्चात श्री राहुल कश्यप, प्रधान लकड़संधा द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया, रसूलपुर (महर्षि कश्यप चौक मुज़फ़्फ़रनगर) पर स्वागत, रसूलपुर से मूसताबाद से जानसठ तक यात्रा निकाली गई।

आपको बता दें कि निषाद पार्टी द्वारा माँ शाकुंभरी देवी शक्तिपीठ, जनपद सहारनपुर से संवैधानिक अधिकार यात्रा की शुरुआत की गई है। निषाद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद जी के नेतृत्व में यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री निषाद जी ने कहा की निषाद पार्टी की स्थापना देश व प्रदेश के मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए की गई थी। निषाद पार्टी प्रदेश सरकार में सहयोगी पार्टी और जबसे वह मंत्री बने हैं, प्रदेश के मछुआ समाज के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं, मत्स्य विभाग की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मछुआ समाज को प्रथमकिता से दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि संवैधानिक अधिकार यात्रा प्रदेश के सभी 18 मण्डल, 200 विधानसभा में जाएगी, तीन चरणों में यात्रा अपने अंतिम पड़ाव नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंदौर स्टेडियम में समापन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एकजुट करने के लिए यात्रा निकाली जा रही है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सेंसर मैनुएल 1961 के तहत प्रदेश में मझवार व तुरैहा को अनुसूचितजाति का अधिकार मिलना चाहिए, श्री निषाद जी ने भारत के संविधान में सूचीबद्ध मझवार और तुरैहा नाम से अंकित अनुसूचितजाति का लाभ निषाद समेत अन्य 17 उपजातियों को नहीं मिल पाने के मुद्दे को अपनी प्राथमिकता मानते हुए, समाज को एकजुट करना शुरू किया, और तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने समक्ष पूर्ववर्ती केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मछुआ समाज के साथ हुए अन्याय और पक्षपात पूर्ण रवैये को रखने का काम किया, किस तरह सन 1990 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने संसद में बिना किसी बहस कराये संविधान में सूचीबद्ध मझवार और तुरैहा को बाहर किया गया है।

श्री निषाद जी ने बताया यात्रा के माध्यम से प्रदेश के कश्यप, निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कहार, धीवर, बाथम समेत अन्य 17 उपजातियों का अनुसूचितजाति का लाभ नहीं मिल जाने तक समाज को एकजुटता दिखानी होगी। श्री निषाद जी ने रथ यात्रा निकालने की संकल्पना को लेकर बताया कि प्रदेश के निषाद, कश्यप समेत अन्य 17 पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिया बनाई थी, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा प्रदेश की निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद, कश्यप समेत अन्य जातियों के साथ भेदभाव किया गया था, प्रदेश में निषाद समाज की दिशा-दशा अनुसूचित जातियों से भी बदतर थी, और पूर्ववर्ती सरकारों ने अपने समाज की जातियों को खुश करने के लिए निषाद समाज को फुटबॉल समझकर मछुआ समय को अनुसूचितजाति में होने का बाद भी कभी अनुसूचित जाति को मिलने वाले से वंचित रखा गया है और ऐसे में निषाद पार्टी के गठन से बाद से उत्तर प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी को निषाद पार्टी के बैनर तले लामबंद करके, केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ मछुआ समय को दिलवाने के लिए किया रहा है। इस रथ यात्रा के माध्यम से कश्यप-निषाद-मछुआ बाहुल्य ग्राम समाज को जोड़ने का काम किया जायेगा, साथ ही मत्स्य विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभ भी दिया जाएगा।

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