देहरादून। ओएनजीसी चौक पर हुई दुर्घटना में छह युवक-युवतियों की मौत के मामले में फरार चल रहे कंटेनर चालक को पुलिस ने 11 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उसने दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना नहीं दी और फरार हो गया।
इसके अलावा उसने कंटेनर की पंजीयन नंबर प्लेट भी गायब कर दी, ताकि उसका व कंटेनर के बारे में कुछ पता न चल सके। घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने की धारा भी पुलिस ने उसके विरुद्ध जोड़ दी है। आरोपित चालक बिहारीगढ़, सहारनपुर का रहने वाला है।

कंटेनर से पीछे से टकरा गई थी इनोवा कार

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि 11 नवंबर की रात को ओएनजीसी चौक पर एक कंटेनर से इनोवा कार पीछे से टकरा गई थी। जिसमें तीन युवक व तीन युवतियों की मृत्यु हो गई थी। एक युवक गंभीर रूप से घायल है। जिसका सिनर्जी अस्पताल में उपचार चल रहा।

यह दुर्घटना इतनी भयावह थी कि एक युवक व एक युवती के सिर धड़ से अलग हो गए थे, जबकि बाकी चार के मांस के टुकड़े भी पूरी सड़क पर फैल गए थे। घटना के बाद कंटेनर का चालक अपने वाहन की नंबर प्लेट उखाड़कर फरार हो गया था। पुलिस ने कंटेनर के चेसिस व इंजन नंबर के आधार पर जानकारी जुटाई तो उसका पंजीयन नंबर निकला, जो वीआरसी लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम के नाम पर पंजीकृत पाया गया।

कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की तो पता चला कि कंपनी ने कंटेनर वर्ष-2015 में सहारनपुर निवासी नरेश गौतम को बेच दिया था। नरेश गौतम ने पुलिस को बताया कि उसने यह कंटेनर अभिषेक चौधरी निवासी मवाना, मेरठ को किराये पर दिया हुआ है। नरेश गौतम हारिजांटल डायरेक्शन ड्रिलिंग मशीन किराये पर देता है। उसने अभिषेक चौधरी को कंटेनर के साथ मशीन भी किराये पर दे दी।

पुलिस की जांच में पता चला कि अभिषेक चौधरी कंटेनर में ड्रिलिंग मशीन लेकर अक्टूबर-2024 में मेरठ से देहरादून आया था। काम न मिलने के कारण उसने कंटेनर ट्रांसपोर्टनगर में खड़ा कर दिया। जब कभी काम का आर्डर आता था तो कंटेनर भेज देता था। घटना की रात कंटेनर मशीन को कौलागढ़ में चल रहे ड्रिलिंग के कार्य के लिए लेकर जा रहा था। जिसे रामकुमार उर्फ रामू निवासी ग्राम इस्माइलपुर, बिहारीगढ चला रहा था। पुलिस ने जांच के बाद शुक्रवार को रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया।

चालक ने फोन भी कर दिया था बंद

पूछताछ में कंटेनर चालक ने बताया कि घटना की रात जब इनोवा कार पिछले हिस्से से टकराई तो उसने कुछ युवकों के शव सड़क पर पड़े देखे। जिससे वह घबरा गया और वहां भीड़ जुटती देख उसने कंटेनर से नंबर प्लेट उखाड़ी और फरार हो गया। पकड़े जाने के डर से उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया और अपने घर जाने के बजाय अज्ञात जगह छिप गया।

कंटेनर नाम नहीं कराया, बिना फिटनेस दौड़ाता रहा

वर्ष 2015 में वाहन खरीदने के बावजूद नरेश गौतम ने टैक्स बचाने के चक्कर में कंटेनर अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराया। कंटेनर बीते 11 वर्ष से बिना फिटनेस दौड़ रहा था। गुरुग्राम के आरटीओ कार्यालय में 12 अगस्त 2009 को पंजीकृत उक्त कंटेनर फिटनेस प्रमाण-पत्र 16 अगस्त-2013 को समाप्त हो गया था, जबकि टैक्स व बीमा 31 मार्च-2015 को खत्म हो चुका था।

कंटेनर का चालक साइड का फ्रंट शीशा टूटा हुआ था, इस पर रिफ्लेक्टर टेप और पंजीयन नंबर प्लेट तक नहीं थी। खस्ताहाल होते हुए भी यह कंटेनर बेधड़क सड़कों पर दौड़ रहा था। कंटेनर का स्वामित्व ट्रांसफर न कराने को लेकर पुलिस नरेश गौतम के विरुद्ध भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

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